सोशल सैम / डेस्क : सात्विक साइराज रैंकी रेड्डी और चिराग़ शेट्टी की जोड़ी ने भारतीय बैडमिंटन इतिहास में कुछ ऐसा कर दिखाया है, जिसे हमारी पीढ़ी ने पहली बार होते देखा है.
इस जोड़ी ने एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में पुरुष डबल्स का स्वर्ण पदक जीता है. इससे पहले 1965 में इस टूर्नामेंट के सिंगल्स मुकाबलों में दिनेश खन्ना ने गोल्ड जीता था.
पुरुष डबल्स में यह भारतीय बैडमिंटन इतिहास का पहला स्वर्ण पदक है. इससे पहले सिर्फ कांस्य पदक ही भारत आया था. यह पदक भी 51 साल पहले आया था और इसे दीपू घोष और रमन घोष ने 1971 में जीत था.
सात्विक और चिराग़ की जोड़ी ने दुबई में हुई एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप के पुरुष डबल्स फ़ाइनल में मलयेशियाई जोड़ी ओंग यू सिन और तियो ई यी को 16-21, 21-17, 21-19 से हराया. ख़ास बात यह है कि भारतीय जोड़ी एक समय पहला गेम 16-21 से हारने के बाद दूसरे में 7-13 से पिछड़ी हुई थी. लेकिन संघर्ष क्षमता का प्रदर्शन करते हुए वह इतिहास रचने में सफल रही.