January 23, 2025 11:20 am

इस मंदिर को बनने में 103 साल लगे थे, अद्भुत है कर्णाटक का चेन्नाकेशव मंदिर

सोशल संवाद / डेस्क : दक्षिण भारत में सैंकड़ो साल पुराने कई मंदिर हैं। उनमे से एक है कर्णाटक के बेलूर में स्थित चेन्नाकेशव मंदिर । यह मंदिर स्थापत्य एवं मूर्तिकला के नजरिये से बहुत ही खास है।  ये मंदिर अपनी वास्तुकला और कारीगरी की वजह से मशहूर है।

श्री चेन्नाकेशव भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। ये मंदिर उन्ही को समर्पित हैं।मंदिर का निर्माण होयसल राजवंश के राजा विष्णुवर्धन ने 1104 -17 ई. के बीच करवाया था। यह मंदिर 1117 में बनकर तैयार हुआ था। चेन्‍नाकेशव स्वामी मंदिर का निर्माण नरम सोपस्‍टोन से हुआ है।

यह भी पढ़े : इस मंदिर में हर धर्म के लोगो को मिलती है entry,पर यहाँ नहीं है कोई मूर्ति न होती है पूजा

मंदिर 178 फीट लंबा और 156 फीट चौड़ा है, जिसमें कुल 48 नक्‍काशीदार खंभे है। इन खंभों पर विभिन्न प्रकार की नक्काशी है। मंदिर की दीवारों पर पौराणिक पात्रों का चित्रांकन है। इस मंदिर की संरचना इतनी भव्य है कि इसे भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा मान्यता दी गई है। इसके तीन प्रवेश द्वारों में से पूर्वी प्रवेश द्वार सबसे अच्छा और सुंदर माना जाता है। इस मंदिर में रामायण और महाभारत काल से संबंधित कई चित्र चित्रित हैं। कई मुसलमान शाशक ने कई बार इस मंदिर को लूटा और नस्ट किया किन्तु हिन्दू नरेशों ने बार-बार इस मंदिर का जीर्णोद्वार करवाया।

इस मंदिर में सरस्वती मां की भी एक मूर्ति है।इस मूर्ति के सिर पर पानी डालने पर नाक के नीचे बाईं ओर होता हुआ पानी बाएं हाथ की हथेली में आकर गिरता है। इसके बाद पानी की धारा दाएं पैर के तलवे से होते हुए बाएं पैर पर गिरती है।होयसल राजवंश के वास्तुकारों ने गुरुत्वाकर्षण ताकत को ध्यान में रखकर अद्भुत कलाकृति बनाई।

पूरा मंदिर मूर्तियों से अलंकृत है। केशव मंदिर की दीवारों पर देवी-देवताओं, संगीतकारों को उकेरा गया है। 64 कोशिकाओं वाला मंदिर चारों ओर से घिरा हुआ है। इस मंदिर के शुरू में, वेनुगोपाल, जनार्दन, और केशव की नक्काशीदार मूर्तियां भी रखी गई थीं।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
राज्यपाल को उनके पद से कौन हटा सकता है Paracetamol से होने वाले नुकसान ठंडे पानी से मुंह धोने के फायदे किन राज्यों में लागू है पेसा कानून 2024 के सबसे ज्यादा सुने गए गाने जाने कितनी बार कर सकते हैं आधार अपडेट हमेशा नीली पगड़ी क्यों पहनते थे मनमोहन सिंह Black Forest Cake का नाम Black Forest कैसे पड़ा ? क्या है Tesla car की खासियत sugar बढ़ने के लक्षण