---Advertisement---

“जो मुफ्त में पानी लेकर करोड़ों कमा रहे हैं, अब उन्हें हर लीटर का हिसाब देना होगा” – जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह

By Riya Kumari

Published :

Follow
“Those who are earning crores by providing free water will now have to give account of every litre

Join WhatsApp

Join Now

 सोशल संवाद / नई  दिल्ली  : दिल्ली के जल मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने राजधानी में जल के दुरुपयोग पर कड़ा फैसला लेते हुए घोषणा की है कि अब दिल्ली के सभी होटल, बैंक्वेट हॉल, शॉपिंग मॉल, निजी अस्पताल और अन्य बड़े वाणिज्यिक संस्थानों को उनके द्वारा छोड़े गए सीवरेज (गंदे पानी) के आधार पर पानी का बिल चुकाना होगा।

यह भी पढ़े : पिछली सरकार द्वारा जन शिकायतें न सुनी गईं और न सुलझाईं गई- सीएम रेखा गुप्ता

मंत्री ने बताया कि अभी तक इन संस्थानों के पास वैध पानी कनेक्शन या मीटर नहीं है, जिससे सरकार के पास यह जानकारी नहीं है कि वे पानी कहाँ से लेते हैं और क्या भुगतान करते हैं। इसके बावजूद ये संस्थान हर दिन लाखों लीटर गंदा पानी सिस्टम में डालते हैं। इससे सरकार को हर साल सैकड़ों करोड़ का राजस्व नुकसान हो रहा है। “अब हर बूंद का हिसाब होगा। जो जितना सीवर बहाएगा, उसे उतना ही पानी का बिल देना होगा। मुफ्त में पानी लेकर करोड़ों का मुनाफा कमाने वालों की मनमानी अब खत्म होगी।” – प्रवेश साहिब सिंह, जल मंत्री, दिल्ली सरकार

नई व्यवस्था के मुख्य बिंदु:

  • दिल्ली के सभी बड़े निजी वाणिज्यिक संस्थानों की सीवरेज निकासी के आधार पर पानी की खपत का अनुमान लगाया जाएगा।
  • जिनके पास वॉटर मीटर नहीं हैं या जो अपने जल स्रोत का खुलासा नहीं कर सकते, उन्हें सीवरेज बहाव के आधार पर बिल देना होगा।
  •   यह कदम पानी चोरी पर लगाम लगाएगा और राजस्व की बड़ी हानि को रोकेगा।
  • रिकॉर्ड्स की जांच सीवरेज डेटा और नगर निगम के व्यावसायिक लाइसेंस से क्रॉस वेरिफाई करके की जाएगी।

सिस्टम की खामियों पर चोट:

पिछले कई वर्षों से दिल्ली के कई बड़े वाणिज्यिक संस्थान बिना किसी हिसाब-किताब के पानी का उपयोग कर रहे हैं। उनकी पानी की खपत का कोई रिकॉर्ड नहीं है लेकिन सीवरेज निकासी होती रही है। ये संस्थान सार्वजनिक जल संसाधनों का दुरुपयोग कर मुनाफा कमा रहे थे।

“ये टैक्स नहीं है, ये ज़िम्मेदारी है। आप करोड़ों के कारोबार मुफ्त पानी पर नहीं चला सकते। अब हर संस्थान को उसके उपयोग की कीमत चुकानी होगी।” – प्रवेश साहिब सिंह

घरेलू उपभोक्ताओं पर कोई असर नहीं:

सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नीति केवल वाणिज्यिक संस्थानों पर लागू होगी। आम नागरिक, घरेलू उपभोक्ता, झुग्गीवासियों या गरीब तबकों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह फैसला सिर्फ उन लोगों के लिए है जो लाभ के लिए संसाधनों का दुरुपयोग कर रहे हैं।

लापरवाही का दौर खत्म:

प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि पिछली सरकारों की अनदेखी के चलते वर्षों तक निजी संस्थान फ्री में पानी लेकर लाखों लीटर सीवर बहाते रहे। अब यह बंद होगा। सरकार पारदर्शिता और जवाबदेही के साथ एक नया, अनुशासित सिस्टम लेकर आ रही है, जिसमें हर उपभोक्ता को अपने हिस्से की ज़िम्मेदारी निभानी होगी।

YouTube Join Now
Facebook Join Now
Social Samvad MagazineJoin Now
---Advertisement---