सोशल संवाद / डेस्क : केंद्र सरकार ने मंगलवार (6 अगस्त) को संसद भवन में सर्वदलीय बैठक की। संसद में 11वें दिन प्रश्नकाल में सहारा के निवेशकों के बकाया पैसों के मामले पर तीखी बहस हुई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सहारा से जुड़ी बकाया रकम की स्थिति पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि सहारा इंडिया रीयल इस्टेट कॉर्पोरेशन लिमिटेड, सहारा हाउसिंग, और सहारा इंडिया कॉर्पोरेशन में निवेशकों की अनुमानित संख्या 3.7 करोड़ है। सुप्रीम कोर्ट इस मामले की निगरानी कर रहा है। वित्त मंत्री ने सूचित किया कि 138.07 करोड़ रुपये के क्लेम जारी किए गए हैं, जबकि कुल 25781 करोड़ रुपये का वितरण बाकी है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हमारे ऊपर हाथ उठाने का कोई फायदा नहीं है। सरकार निर्णय नहीं कर सकती। उन्होंने निवेशकों से अपील की कि वे ऑनलाइन पोर्टल पर जाकर अपने क्लेम दर्ज करें ताकि उन्हें समय पर भुगतान किया जा सके। वित्त मंत्री ने कहा कि, हम तीन बार सार्वजनिक अपील कर चुके हैं, फिर से कह रहे हैं, जिसने सहारा में पैसा लगाया है, वो कागज़ लेकर आए और अपना पैसा प्राप्त करे। कोई सदस्य बाहर जाकर यह न बोले कि सरकार पैसे नहीं दे रही है। सरकार हाथ जोड़कर बुला रही है कि लोग कागजात के साथ आएं। हम पैसा देने के लिए तैयार हैं।
वित्त मंत्री ने आगे कहा, सहारा इंडिया की 18 संपत्तियां अटैच की गई हैं और कोऑपरेटिव मिनिस्ट्री के गठन के बाद 1.21 करोड़ क्लेम आए हैं, जिनमें से 374 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। पर्ल एग्रो कोऑपरेटिव में 1.25 करोड़ क्लेम आए हैं और 1021 करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया गया है। जस्टिस सुभाष रेड्डी और जस्टिस लोढ़ा इस मामले की निगरानी कर रहे हैं।
संसद में राजस्थान के सांसद अमरा राम और मध्य प्रदेश के सांसद गणेश सिंह ने सहारा और पीसीएल में निवेशकों के बकाया के बारे में सवाल उठाए। जिसके जवाब में वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार जजों की कमेटी के निर्णय का पालन करेगी और संपत्तियों की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने दावेदारों को उचित दस्तावेज के साथ आगे आने की आवश्यकता पर जोर दिया।