सोशल संवाद / जमशेदपुर : प्रशासनिक लापरवाही का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। मिली जानकारी के अनुसार, जमशेदपुर के ढाई से तीन हजार विशेष समुदाय के बच्चों के जन्म प्रमाण पत्र चाकुलिया के माटियाबांधी पंचायत से निर्गत किए गए हैं। सभी प्रमाण पत्रों में बच्चों का जन्म स्थान माटियाबांधी दिखाया गया है।
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गौरतलब है कि इस पंचायत में न तो कोई बड़ा अस्पताल है और न ही जन्म प्रमाण पत्र निर्गत करने की कोई सुसंगत व्यवस्था। वैध दस्तावेज भी अपलोड नहीं कराए गए हैं। आवेदकों ने दस्तावेज के स्थान पर खाली पन्ने जमा कर दिए थे।
चाकुलिया की बीडीओ आरती मुंडा ने बताया कि मामले का खुलासा होने के बाद जांच शुरू कर दी गई है। अब तक 106 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र मिले हैं। इन प्रमाण पत्रों को रद्द करने का निर्देश दिया गया है और पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है।
दरअसल, राज्य सरकार की ओर से गरीब बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में निशुल्क प्रवेश और फीस माफी के लिए एक योजना चलाई गई थी। इसी के तहत अभिभावकों ने तमाम दस्तावेज स्कूलों में जमा किए थे। बाद में स्कूलों द्वारा ये दस्तावेज संबंधित पदाधिकारियों के पास सत्यापन के लिए भेजे गए।
सत्यापन के दौरान चाकुलिया की बीडीओ की नजर जन्म स्थान पर गई, जिसमें सभी बच्चे विशेष समुदाय से संबंधित पाए गए और उनके जन्म स्थान के रूप में माटियाबांधी दर्शाया गया था। इस पर संदेह होने पर जांच कराई गई, जिसमें 106 फर्जी जन्म प्रमाण पत्र पाए गए। संभावना जताई जा रही है कि माटियाबांधी पंचायत से इस तरह हजारों फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं।