सोशल संवाद / नई दिल्ली : नई दिल्ली विधानसभा से भाजपा प्रत्याशी एव पूर्व सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि आज जब अरविंद केजरीवाल की राजनीतिक जमीन खिसकती नजर आ रही है तो दिल्ली को जाति के नाम पर बांटने का काम करने लगे हैं जबकि पिछले 11 सालों में उन्हें कभी जाट समाज की याद नहीं आई। प्रेसवार्ता में प्रदेश प्रवक्ता अजय सहरावत और भाजपा नेत्री नीतू डब्बास उपस्थित थे।
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि अरविंद केजरीवाल के बयान को लेकर पूरी दिल्ली देहात के लोगों में जबरदस्त गुस्सा है और सबने मिलकर यह फैसला किया है कि पूरे दिल्ली देहात के लोग चाहे वह किसान हो या फिर जाट या गुर्जर सभी ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ वोट करने का निश्चय किया है। उन्होंने कहा कि यही अरविंद केजरीवाल हैं जिन्हें जाटो से बदबू आती है, जिन्होंने जाटों को ही नहीं बल्कि दिल्ली देहात के लोगों को अपने घर में घुसने नहीं दिया और आज जब चुनाव आ गया और दिल्ली देहात केजरीवाल के विरोध में है चाहे वह जाट हो, गुर्जर हो, यादव हो, त्यागी हो या फिर राजपूत हो तो केजरीवाल को जाटो की याद आ रही है।
यह भी पढ़े : ओडिशा में मोदी बोले-अप्रवासियों के दिल में भारत धड़कता है ,इससे दुनिया में मेरा सिर ऊंचा रहता है
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि दिल्ली देहात के किसानों ने माँग की कि प्रधानमंत्री सम्मान निधि योजना में 6000 रूपए का लाभ मिले लेकिन केजरीवाल ने वह सूची तक केंद्र सरकार को नहीं दी। अरविंद केजरीवाल को मैंने पत्र लिखकर यह कहा कि मेरे पिता जी डॉक्टर साहिब सिंह वर्मा जी का समाधि स्थल जो दिल्ली सरकार की जमीं पर है का समाधि निर्माण करवाया जाए लेकिन केजरीवाल ने अभी तक उसका जवाब नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आज जब बाहरी दिल्ली में 28 सीटें आती है उन सभी सीटों पर मीटिंग हुई और सबने निश्चय किया है कि अरविंद केजरीवाल को वोट नहीं करना है।
वर्मा ने कहा कि जब जाट भाई खेती करते थे तो उनके बढ़े हुए बिजली बिल आते हैं फिर उनका बिजली बिल माफ क्यों नहीं किया। उन्होंने कहा कि किसानों की जमीन जब अधिग्रहण किया जाता था तो 2.5 करोड़ रुपये दिए जाते थे जबकि मार्केट रेट 10 से 15 करोड़ रुपये होते हैं। गांव के किसानों को मार्केट रेट मिले यह काम साहिब सिंह वर्मा जी ने शुरू किया था लेकिन आज अरविंद केजरीवाल सरकार जबरदस्ती सस्ते रेट पर जमीन अधिग्रहण कर रही है।
नई दिल्ली से भाजपा प्रत्याशी ने कहा कि दिल्ली देहात के लिए मोदी सरकार ने कई काम किए। 26000 करोड़ रुपये की लागत से इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर बना, यूईआर 2 सड़क जो 8000 करोड़ रुपये का निर्माण हुआ।
प्रवेश साहिब सिंह ने कहा कि नजफगढ़ हॉस्पिटल का निर्माण 100 करोड़ रुपये की लागत से केंद्र सरकार द्वारा कराया गया। दिल्ली ग्रामोदय योजना के अंतर्गत दिल्ली के उपराज्यपाल जी ने 960 करोड़ रुपये का विकास कार्य एक साल में शुरू किया जो अरविंद केजरीवाल को नहीं बर्दाश्त हो रहा है। द्वारका में लॉ कैंपस, बवाना नरेला और अन्य जगहों पर मेट्रो का जाना सारा काम मोदी सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति धर्म निरपेक्ष की बात करता था आज वह दिल्ली को जाति के नाम पर बाँटने की कोशिश कर रहा है। पहली बार अगर नेशनल ओबीसी कमीशन है को किसी ने संवैधानिक दर्जा दिया है तो वाह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने दिया है। किसी भी जाति को अगर ओबीसी के लिस्ट में भेजना है तो सबसे पहले राज्य सरकार उसे पास कर ओबीसी कमीशन में भेजती है लेकिन दिल्ली सरकार ने कई मौके पर स्पेशल सत्र बुलाए लेकिन सिर्फ केंद्र सरकार और उपराज्यपाल जी को अपशब्द कहने के लिए। ओबीसी लिस्ट में जाटों को डाला जाए इसका प्रस्ताव आज तक नहीं पास किया।
पूर्व सांसद ने कहा कि इनके ही मंत्री कैलाश गहलोत ने दो बार पत्र लिखा लेकिन फिर भी अरविंद केजरीवाल ने कोई सत्र नहीं बुलाया। जाटों को सबसे पहले अगर किसी ने ओबीसी लिस्ट में शामिल किया तो आसपास के राज्यों में रिजर्वेशन उत्तर प्रदेश में 2010 में मुख्यमंत्री राम प्रकाश गुप्ता जी ने किया जिनसे साहिब सिंह जी ने मिलकर यह काम करवाया। हिमाचल में प्रेम कुमार धूमल जी के जाट को रिजर्वेशन दिया। उत्तराखंड में रमेश पोखरियाल जी ने दिया। अशोक गहलोत जी ने जब सेंट्रल में एनडीए की सरकार थी तो भाजपेयी जी ने इसका काम किया।
दिल्ली देहात में आज तक ना कोई नया कॉलेज ना स्कूल ना हॉस्पिटल और ना कोई फ़्लाइओवर या सड़क बनवाया लेकिन आज जब चुनाव आया है तो इन्हें जाटों की याद आई। उन्हें इस बात का बहुत दुख हुआ है कि मैं दिल्ली में महिलाओं को लाडली योजना के अंतर्गत पैसे दे रहा हूँ तो मुझे देश द्रोही कह रहे हैं।