सोशल संवाद/डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति Donald Trump ने गुरुवार को फिर से बड़ा आर्थिक कदम उठाया है। उन्होंने घोषणा की है कि 1 अक्टूबर से दवाइयों, सेमी-ट्रकों, किचन कैबिनेट और फर्नीचर पर 25% से 100% तक टैरिफ लगाया जाएगा। सबसे ज्यादा असर विदेशी दवा उत्पादों पर पड़ेगा, जिनमें भारत, चीन और यूरोप से आने वाली दवाएं शामिल हैं।
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Trump की मंशा क्या है?
ट्रंप का साफ कहना है कि ‘अमेरिका फर्स्ट’ पॉलिसी के तहत विदेशी कंपनियों को अब अमेरिका में ही फैक्ट्री लगानी होगी। ऐसा करने से वहां रोजगार और निवेश दोनों बढ़ेंगे। अगर कंपनियां दवाइयां विदेश से भेजेंगी तो उनपर ज्यादा टैरिफ लगेगा, जिससे उनके लिए व्यापार कठिन हो जाएगा।
100% टैरिफ का तर्क
राष्ट्रपति ट्रंप ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा से जोड़ा है। उनका कहना है कि दवाओं के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना खतरनाक है। खासतौर पर कैंसर, डायबिटीज और वजन घटाने की दवाओं का उत्पादन अमेरिका में ही होना चाहिए। हालांकि कुछ मशहूर और ज्यादा बिकने वाली दवाओं को छूट मिलने की संभावना जताई जा रही है।
भारत पर असर
अमेरिका में बिकने वाली 40% जेनरिक दवाएं भारत से जाती हैं। शुरुआत में अगर जेनरिक दवाओं को टैरिफ से छूट मिली तो भारत के लिए यह राहत की बात होगी। लेकिन ट्रंप के लगातार बदलते फैसले देखते हुए यह कहना मुश्किल है कि जेनरिक दवाएं कितने दिनों तक टैरिफ से बची रहेंगी। ऐसे में भारत पर भी दबाव बढ़ सकता है।








