सोशल संवाद डेस्क : वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है । इसे वरद चतुर्थी भी कहा जाता है । कहते है विनायक चतुर्थी का व्रत करने से हर तरह के कष्ट दूर होते हैं और धर्म, अर्थ, विद्या, धन, आरोग्य और मोक्ष, मिलता है । इस दिन गणपति के सिद्धि विनायक रुप की पूजा की जाती है । सुख-सौभाग्य में वृद्धि और संतान की खुशहाली के लिए स्त्रियां इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त तक व्रत करती हैं ।
पूजा का शुभ मुहूर्त
हिन्दू पंचांग के अनुसार वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि की शुरुआत 23 अप्रैल 2023 को सुबह 07 बजकर 47 मिनट पर होगी और अगले दिन 24 अप्रैल 2023 को सुबह 08 बजकर 24 मिनट पर इसकी समाप्ति है । इस दिन गणपति की पूजा का मुहूर्त सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक है ।
पूजा विधि
- इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें।
- इसके बाद घर के मंदिर में सफाई कर दीप प्रज्वलित करें।
- दीप प्रज्वलित करने के बाद भगवान गणेश का गंगा जल से जलाभिषेक करें।
- इसके बाद भगवान गणेश को साफ वस्त्र पहनाएं।
- भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक लगाएं और दूर्वा अर्पित करें।
- भगवान गणेश को भोग लगाएं। आप गणेश जी को मोदक, लड्डूओं का भोग लगा सकते हैं।
- पूजा के दौरान गणेश जी की आरती और चालीसा का पाठ करे ।