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Vitamin B12 Deficiency: जानिए इस कमी से कैसे बदलता है शरीर का संतुलन

By Muskan Thakur

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Vitamin B12 Deficiency: जानिए इस कमी से कैसे बदलता है शरीर का संतुलन

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सोशल संवाद/डेस्क : विटामिन B12 शरीर के लिए एक आवश्यक पोषक तत्व है, जिसकी कमी से कई गंभीर शारीरिक और मानसिक समस्याएं हो सकती हैं। यह एक वॉटर-सॉल्यूबल (पानी में घुलने वाला) विटामिन है, जो शरीर में नर्वस सिस्टम को स्वस्थ बनाए रखने, रेड ब्लड सेल्स के निर्माण और डीएनए सिंथेसिस में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

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आजकल बदलती जीवनशैली, असंतुलित खानपान और शाकाहारी डाइट के कारण बड़ी संख्या में लोगों में विटामिन B12 की कमी देखने को मिल रही है।

क्यों जरूरी है विटामिन B12?

विटामिन B12, जिसे कोबालामिन (Cobalamin) भी कहा जाता है, शरीर की कई प्रक्रियाओं में अहम भूमिका निभाता है। यह रेड ब्लड सेल्स बनाने में मदद करता है, जिससे शरीर में ऑक्सीजन का संचार बना रहता है।
इसके अलावा, यह नर्वस सिस्टम को सपोर्ट करता है, ब्रेन हेल्थ को बेहतर रखता है और मेटाबॉलिज्म को नियंत्रित करता है।

जब इसकी मात्रा कम हो जाती है, तो शरीर धीरे-धीरे कई लक्षणों से गुजरने लगता है जो शुरुआत में मामूली लगते हैं लेकिन समय के साथ गंभीर रूप ले सकते हैं।

विटामिन B12 की कमी के प्रमुख लक्षण

  1. हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन

विटामिन B12 की कमी से नर्व डैमेज होना शुरू हो जाता है। इसका पहला असर अक्सर हाथ-पैरों में झनझनाहट या सुन्नपन के रूप में नजर आता है।
ऐसा महसूस हो सकता है जैसे त्वचा पर चींटियां रेंग रही हों या सुई चुभ रही हो। यह नर्वस सिस्टम के प्रभावित होने का स्पष्ट संकेत है।

  1. लगातार कमजोरी और थकान

विटामिन B12 की कमी से शरीर में रेड ब्लड सेल्स का निर्माण धीमा हो जाता है। इससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, और व्यक्ति हमेशा थका हुआ महसूस करता है।
यह थकान शारीरिक ही नहीं, मानसिक रूप से भी व्यक्ति को कमजोर कर सकती है।

  1. त्वचा और आंखों का पीला पड़ना

रेड ब्लड सेल्स की कमी से त्वचा का रंग हल्का पीला या फीका दिखने लगता है। आंखों का सफेद हिस्सा भी पीला पड़ सकता है, जो पर्निशियस एनीमिया (Pernicious Anemia) का लक्षण हो सकता है।

  1. मूड स्विंग्स और डिप्रेशन

विटामिन B12 का संबंध सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर के उत्पादन से है। जब यह विटामिन कम हो जाता है, तो मूड स्विंग्स, डिप्रेशन, एंग्जायटी और चिड़चिड़ापन बढ़ जाता है।
कई बार लोग बिना किसी स्पष्ट कारण के उदासी या बेचैनी महसूस करते हैं, जो इस कमी का संकेत हो सकता है।

  1. याददाश्त में कमी और ब्रेन फॉग

विटामिन B12 की कमी से ब्रेन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। व्यक्ति चीजें भूलने लगता है, ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है और दिमाग धुंधला सा महसूस होता है — जिसे ब्रेन फॉग कहा जाता है।

  1. देखने में परेशानी

यह कमी आंखों की ऑप्टिक नर्व को प्रभावित कर सकती है, जिससे धुंधला दिखाई देना या एक वस्तु का दो बार दिखना जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

  1. जीभ में सूजन और दर्द

विटामिन B12 की कमी का असर जीभ पर भी दिखाई देता है। जीभ सूज सकती है, लाल या चिकनी दिख सकती है, और स्वाद महसूस करने की क्षमता कम हो सकती है।

  1. मसल्स में दर्द या कमजोरी

नर्व डैमेज होने की वजह से मसल्स तक ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की आपूर्ति कम हो जाती है। इससे मसल्स में दर्द, ऐंठन या कमजोरी महसूस हो सकती है।

विटामिन B12 की कमी के कारण

शाकाहारी या वीगन डाइट:
विटामिन B12 मुख्य रूप से पशु-आधारित खाद्य पदार्थों में पाया जाता है, जैसे मांस, अंडा, मछली और डेयरी प्रोडक्ट्स।
इसलिए शाकाहारी या वीगन डाइट लेने वाले लोगों में इसकी कमी आम है।

बढ़ती उम्र:
उम्र बढ़ने के साथ शरीर में इस विटामिन को अवशोषित करने की क्षमता कम हो जाती है।

पाचन संबंधी बीमारियां:
गैस्ट्रिक समस्याएं, क्रोहन डिजीज या परनीशियस एनीमिया जैसी स्थितियों में शरीर विटामिन B12 को ठीक से सोख नहीं पाता।

दवाओं का असर:
कुछ दवाएं, जैसे एंटासिड या डायबिटीज की दवा मेटफॉर्मिन, विटामिन B12 के अवशोषण को प्रभावित कर सकती हैं।

कैसे पूरी करें विटामिन B12 की कमी

आहार में बदलाव करें:

  • मछली (साल्मन, टूना, सार्डिन)
  • अंडे और डेयरी उत्पाद
  • मीट और चिकन
  • फोर्टिफाइड सीरियल्स और सोया मिल्क
  • दूध और पनीर

सप्लीमेंट्स लें:
डॉक्टर की सलाह से टैबलेट, कैप्सूल या इंजेक्शन के रूप में विटामिन B12 सप्लीमेंट्स लिए जा सकते हैं।

नियमित जांच:
अगर लगातार थकान, झुनझुनी या ध्यान केंद्रित करने में परेशानी होती है, तो विटामिन B12 और विटामिन D का ब्लड टेस्ट जरूर कराना चाहिए।

कौन लोग हैं ज्यादा जोखिम में?

  • 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोग
  • गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाएं
  • शाकाहारी और वीगन लोग
  • गैस्ट्रिक सर्जरी या पाचन संबंधी समस्या वाले मरीज
  • लंबे समय से एंटासिड या मेटफॉर्मिन लेने वाले व्यक्ति

विटामिन B12 की कमी एक आम लेकिन गंभीर समस्या है। इसकी अनदेखी से नर्व डैमेज, एनीमिया और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर असर हो सकता है।
संतुलित आहार, नियमित जांच और डॉक्टर की सलाह से समय पर सप्लीमेंट लेने से इस कमी को आसानी से रोका जा सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQ)

Q1. विटामिन B12 की कमी के मुख्य लक्षण क्या हैं?
थकान, हाथ-पैरों में झुनझुनी, त्वचा का पीला पड़ना, याददाश्त में कमी, मूड स्विंग्स और जीभ में सूजन इसके प्रमुख लक्षण हैं।

Q2. विटामिन B12 किन खाद्य पदार्थों से मिलता है?
अंडा, दूध, मछली, मीट, पनीर, फोर्टिफाइड सीरियल्स और डेयरी उत्पाद विटामिन B12 के अच्छे स्रोत हैं।

Q3. क्या शाकाहारी लोग भी विटामिन B12 प्राप्त कर सकते हैं?
हाँ, फोर्टिफाइड सीरियल्स, दूध, दही और सप्लीमेंट्स के माध्यम से शाकाहारी लोग भी इसकी कमी पूरी कर सकते हैं।

Q4. विटामिन B12 की कमी से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं?
रूमेटॉइड एनीमिया, नर्व डैमेज, ब्रेन फॉग, डिप्रेशन और दृष्टि संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं।

Q5. विटामिन B12 टेस्ट कब करवाना चाहिए?
अगर लगातार थकान, झुनझुनी, ध्यान की कमी या त्वचा का पीलापन महसूस हो, तो डॉक्टर से परामर्श लेकर ब्लड टेस्ट करवाना चाहिए।

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