धीरे-धीरे बढ़ने वाली बीमारी — क्रोनिक किडनी डिजीज (CKD) एक ऐसी बीमारी है जो किडनी की कार्यक्षमता को धीरे-धीरे खत्म करती है।

जल्दी पहचान जरूरी — समय रहते लक्षण पहचान लिए जाएं तो इसकी प्रगति को रोका जा सकता है।

क्रिएटिनिन टेस्ट — यह बताता है कि आपकी किडनी खून से टॉक्सिन्स कितनी कुशलता से निकाल रही है।

GFR और eGFR टेस्ट — किडनी खून को कितनी अच्छी तरह फिल्टर कर रही है, इसका अंदाजा देते हैं।

रीनल फंक्शन टेस्ट (RFT) — ब्लड में मौजूद मिनरल्स, इलेक्ट्रोलाइट्स और प्रोटीन के लेवल से किडनी की स्थिति बताता है।

एल्ब्यूमिन और BUN टेस्ट — इन टेस्ट्स से पता चलता है कि किडनी अपशिष्ट पदार्थों को कितना प्रभावी ढंग से बाहर निकाल रही है।

यूरिन एनालिसिस और 24 घंटे का कलेक्शन टेस्ट — पेशाब में प्रोटीन या अन्य असामान्यताओं की जांच करता है।