बडौदा के महाराजा के पास अकूत संपत्ति थी.वह सोने और हीरे- जवाहरात की पूजा किया करते थे

महाराजा सिर्फ और सिर्फ सोना के कपड़े पहना करते थे.महाराजा की पोशाक सोने के तार की बुनी हुई होती थी

महाराजा की महीनों लग जाया करते थे.सिर्फ एक परिवार महाराजा की पोशाक बनाता था

कारीगर नाखून से सोने के ताना बाना बुनते थे.एक पोशाक तैयार करने में कई महीने का वक्त लग जाता था

कारीगर को अच्छा-खासा मेहनताना भी मिल करता था