आखिर माता कैकई ने भगवान राम लिए चौदह वर्ष का ही वनवास क्यों मांगा था.

इसके पीछे कई धारणाएँ हैं।

कहते हैं  त्रेता युग में नियम था कि यदि कोई राजा अपनी गद्दी 14 वर्षों तक छोड़ता है तो वह राजा बनने का अधिकार खो देता है.

एक और  मान्यता यह है कि व्यक्ति युवावस्था में अपनी 14 यानी पांच ज्ञानेंद्रियां, पांच कर्मेंद्रियां और मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को वश में रखने से

मानव अपने अंदर के घमंड और रावण को मार पाएगा.

और कैकई चाहती थी कि रावण का अंत हो । कैकेयी को राम पर भरोसा था, लेकिन दशरथ को नहीं, क्योंकि वह राम के साथ पुत्र मोह में बंधे हुए थे।

इसलिए कैकई ने राम को अयोध्या से दूर भेज दिया।