सोशल संवाद/ डेस्क: सरकार ने संसद में कहा कि पिछले पांच वर्षों में देश भर में रेलगाड़ियों की चपेट में आने से कम से कम 79 हाथियों की जान चली गई. पर्यावरण राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में बताया कि यह आंकड़ा 2020-21 से 2024-25 की अवधि के लिए राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेश प्रशासनों की रिपोर्ट पर आधारित है
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.उन्होंने बताया कि मंत्रालय रेल पटरियों पर अन्य जंगली जानवरों की मौत के समेकित आंकड़े नहीं रखता है. सिंह ने पुष्टि की कि इस साल 18 जुलाई को पश्चिम बंगाल के पश्चिम मेदिनीपुर जिले में खड़गपुर-टाटानगर रेलखंड पर तेज रफ्तार एक्सप्रेस ट्रेन की चपेट में आने से एक हथिनी और उसके बच्चे समेत तीन हाथियों की जान चली गई. यह घटना झारग्राम और बांसतला स्टेशनों के बीच बांसतला के पास हुई थी. मंत्री ने बताया कि ऐसी दुर्घटनाओं को रोकने के लिए पर्यावरण मंत्रालय और रेलवे द्वारा संयुक्त रूप से कई उपाय किए गए हैं.








