Don't Click This Category

इलेक्टोरल बॉन्ड क्या है…जिस पर हो रहा है भारी स्कैम

सोशल संवाद/डेस्क : साल 2017 में केंद्र सरकार ने इलेक्टोरल बॉन्ड स्कीम की घोषणा की थी. इसे 29 जनवरी 2018 को कानूनी रूप से लागू किया गया था. सरकार का कहना था कि चुनावी चंदे में ‘साफ-सुथरा’ धन लाने और ‘पारदर्शिता’ बढ़ाने के लिए इस स्कीम को लाया गया है. एसबीआई की 29 ब्रांचों से अलग-अलग रकम के इलेक्टोरल बॉन्ड जारी किए जाते हैं । पिछले कई दिनों से इलेक्ट्रोल बोंड घोटाले का नाम चर्चा में रहा है ।

यह भी पढ़े : बीएससी नर्सिंग, बी फार्मा समेत कई कोर्सेज में 30 तक कर सकेंगे आवेदन

भाजपा के सरकार और SBI के ऊपर ये आरोप लगा है कि भाजपा ने 60% तक SBI से इलेक्टोरल बोंड खरीद रखा है और बाकी के बचे 40% इलेक्टोरल बोंड , सारे विपक्ष पार्टी के इलेक्टोरल बोंड मिला कर पूरे होते हैं , इलेक्टोरल बोंड के खरीदारी और उसे इस्तेमाल तक पूरी जानकारी छुपाई जाती है, जिससे ये पता नहीं चलता है कि किसने कौन से पार्टी को चंदा या फंड दिया है , अमेरिका जैसे लोकतांत्रिक देशो में , देश के हर नागरिक को ये जानकारी रहती है कि चुनाव में लड़ने वाले कौन से पार्टी किन कंपनियों या संस्थाओ से पैसे ले रहे हैं और उससे देश का फायदा कैसे हो सकता है , जबकि हमारे लोकतंत्रिक भारत देश में चुनावी चंदा का लेन-देन पूरी तरह से  इलेक्टोरल बोंडस के एक्ट्स से छुपाया जाता था । इसीलिए 15 फरवरी 2024 को सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बोंडस को असंवैधानिक घोषित कर दिया ।

और ऐसे होते ही सभी विपक्षी दलों ने एकदम से मोदी और भाजपा को कोसना शुरू कर दिया , सभी विपक्षी पार्टियों का कहना है कि 2018 में  इलेक्टोरल बोंड एक्ट BJP ने  संसद में Passed किया था , वो पूरी तरह से गैरकानूनी और बहोत बढ़ा घोटाला है , वास्तव में ये कई सारे घोटाले का एक पूरा गुच्छा है , जिससे सिर्फ और सिर्फ BJP को ही हजारों करोड़ों रुपयों का फायदा मिल रहा है , जो उन्हें 2024 के इलेक्शन में एक ग़लत तरीको से फायदा देगा।

अब विपक्षी पार्टियों ने इस मामले में कई मुख्य आरोपी लगाए हैं , जैसे , BJP इलेक्टोरल बोंडस के माध्यम से ओपोजिशन के फंडिंग को ही रोक रही है , खुद कांग्रेस ने ये आरोप लगाया है कि BJP ने उनके अकाउंट तक को फ्रिज करके रख दिया , अब उनके पास पार्टी वर्कर्स तक को देने के लिए पैसे नहीं हैं , तो इलेक्शन ऐसे हालात में कैसे पूरे कर पाएंगे । एक और मुख्य आरोप है इलेक्टोरल बोंडस असल में चंदा दो और धंधा दो वाली स्कीम है , सरकार इस स्कीम में आम इंसान के टैक्स को लूट कर  , बड़े अरब पतियों के जेबे भर रही है । क्या विपक्ष पार्टियों का ये आरोप सही हैं या भाजपा को counter करने की कोशिश है ।

admin
Published by
admin

Recent Posts

  • राजनीति

चंपाई सोरेन ने सरायकेला में हासिल की शानदार जीत

सोशल संवाद/ जमशेदपुर :- बीजेपी के प्रत्याशी चंपाई सोरेन ने सरायकेला  विधानसभा  सीट पर शानदार…

21 mins ago
  • राजनीति

कौन बनेगा महाराष्ट्र का सीएम ?

सोशल संवाद/डेस्क :- महाराष्ट्र में 20 नवंबर को 288 विधानसभा सीट पर मतदान हुआ था…

2 hours ago
  • Don't Click This Category

Samsung यूजर्स के लिए खुशखबरी  ,कंपनी 31 दिसंबर तक दे रही है ये सर्विसेज बिल्कुल फ्री

सोशल संवाद /डेस्क :- सैमसंग ने अपने यूजर्स की शिकायतों को दूर करने के लिए…

6 hours ago
  • समाचार

Career Fair at KSMS exclusively for the students of classes XI and XII

Social Samvad / Desk : A one-day Career Fair was successfully organized on 22nd November…

7 hours ago
  • राजनीति

केजरीवाल ने लॉन्च किया “रेवड़ी पर चर्चा” कैंपेन, “आप” दिल्ली भर में लोगों से करेगी चर्चा

सोशल संवाद /दिल्ली :- दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियों को और धार देते हुए आम…

1 day ago