सोशल संवाद/ डेस्क: श्रावण मास में सोमवार जहां भगवान भोलेनाथ को समर्पित है, वहीं मंगलवार मत गौरी को समर्पित है। जैसे सावन सोमवार का व्रत मनचाहे जीवनसाथी और मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए करते हैं, वैसे ही मंगला गौरी व्रत अखंड सौभाग्य, जल्द विवाह, सुखी दांपत्य जीवन, योग्य पति की कामना की पूर्ति के लिए यह व्रत किया जाता है। सावन के हर मंगलवार को मंगला गौरी व्रत रखा जाता है। इस बार सावन माह में 4 मंगला गौरी व्रत पड़ेंगे. पहले मंगला गौरी व्रत के दिन तो सौभाग्य योग बन रहा है।
2025 के सावन में मंगला गौरी व्रत कब है?
इस बार सावन का शुभारंभ 11 जुलाई शुक्रवार से होगा। सावन का पहला मंगला गौरी व्रत 15 जुलाई को है. उस दिन सावन माह के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि होगी।
1. पहला मंगला गौरी व्रत: 15 जुलाई
2. दूसरा मंगला गौरी व्रत: 22 जुलाई
3. तीसरा मंगला गौरी व्रत: 29 जुलाई
4. चौथा मंगला गौरी व्रत: 5 अगस्त
15 जुलाई को पहले मंगला गौरी व्रत के दिन व्रती को माता गौरी और शिव जी की पूजा सौभाग्य योग में करनी चाहिए. सौभाग्य योग के समापन से पूर्व मंगला गौरी की पूजा कर लें. शिव और शक्ति की कृपा से आपको अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होगी. जो युवतियां सुखी वैवाहिक जीवन या अपने लिए योग्य जीवनसाथी की कामना कर रही हैं, उनको भी इस शुभ योग में पूजा करनी चाहिए.
पहला मंगला गौरी व्रत के दिन का ब्रह्म मुहूर्त 04:12 ए एम से 04:52 ए एम तक है, वहीं दिन का शुभ समय यानि अभिजीत मुहूर्त 11:59 ए एम से 12:55 पी एम तक है. उस दिन का निशिता मुहूर्त 12:07 ए एम से 12:48 ए एम तक है.
मंगला गौरी के दिन श्रावण कृष्ण पंचमी तिथि है. पंचमी तिथि का प्रारंभ 14 जुलाई को रात 11 बजकर 59 मिनट से हो रहा है और इसका समापन 15 जुलाई को रात 10 बजकर 38 मिनट पर होगा. उसके बाद से श्रावण कृष्ण षष्ठी तिथि होगी.