सोशल संवाद/डेस्क : छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सुरक्षा बलों को नक्सल मोर्चे पर अब तक की सबसे बड़ी सफलता मिली है। लंबे समय से वांछित और कई बड़े हमलों का मास्टरमाइंड माना जाने वाला टॉप नक्सल कमांडर मदवी हिडमा सोमवार देर शाम एक मुठभेड़ में ढेर कर दिया गया। हिडमा की पत्नी, जो संगठन में सक्रिय भूमिका निभा रही थी, भी इस एनकाउंटर में मारी गई। कुल 6 नक्सलियों का खात्मा किया गया है।
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हिडमा पर 50 लाख रुपये का इनाम घोषित था और सुरक्षा एजेंसियों की नजर में वह दशकों से मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में शामिल था। उसके मारे जाने को नक्सल विरोधी अभियान की दिशा में निर्णायक मोड़ माना जा रहा है, क्योंकि वह दक्षिण बस्तर के नक्सली नेटवर्क की रीढ़ माना जाता था।
कौन था हिडमा? 50 लाख का इनामी और कई बड़े हमलों का गुनहगार
मदवी हिडमा को नक्सलियों की दंडकारण्य विशेष जोनल कमेटी का सबसे खतरनाक कमांडर माना जाता था। वह PLGA बटालियन नंबर-1 का सरगना था और कई राज्यों में फैले नक्सल नेटवर्क को जमीन से जोड़ने वाले प्रमुख चेहरे में से एक था।
हिडमा पर निम्न बड़े हमलों का आरोप था:
- छत्तीसगढ़ के ताड़मेटला में 76 CRPF जवानों की हत्या
- बस्तर और सुकमा में किए गए आईईडी ब्लास्ट
- नेताओं और पुलिस बल पर कई बार घात लगाकर हमले
- सुरक्षा कैंपों को निशाना बनाने और ग्रामीणों को उकसाने की रणनीति तैयार करना
नक्सल विरोधी अभियान पर काम करने वाले कई वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, हिडमा जंगलों और पहाड़ी इलाकों में छापामार शैली की रणनीति में माहिर था। उसकी मौत सुरक्षा बलों के लिए बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है।
कैसे हुआ एनकाउंटर? घंटेभर चली मुठभेड़
सोमवार शाम सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम को सुकमा के एक घने जंगल में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना मिली। सूचना के आधार पर DRG, STF और कोबरा कमांडो की टीमों ने इलाके को घेरना शुरू किया।
जैसे ही टीम आगे बढ़ी, नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाला। करीब एक घंटे तक गोलीबारी चलने के बाद जब फायरिंग शांत हुई, तो मौके से छह नक्सलियों के शव मिले।
पहचान के दौरान पता चला कि उनमें हिडमा और उसकी पत्नी भी शामिल हैं। मौके से भारी मात्रा में हथियार, विस्फोटक और दस्तावेज भी बरामद किए गए हैं।
हिडमा की पत्नी भी नक्सली गतिविधियों में सक्रिय
सूत्रों के अनुसार हिडमा की पत्नी भी उसी संगठन के भीतर सक्रिय थी और पिछले कुछ वर्षों से महिला दस्ता (महिला नक्सल यूनिट) का संचालन देख रही थी। वह हिडमा के साथ कई ऑपरेशनों की योजना तैयार करती थी और ग्रामीण इलाकों में संगठन के विस्तार में उसकी भूमिका अहम मानी जाती थी।
सुरक्षा एजेंसियों की बड़ी जीत क्या बदल जाएगा नक्सल मोर्चा?
हिडमा जैसे कद के नक्सली का सफाया दक्षिण बस्तर के नक्सल ढांचे को गहरा नुकसान पहुंचाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि:
- PLGA बटालियन-1 लगभग नेतृत्वविहीन हो जाएगी
- सुकमा, बीजापुर और दंतेवाड़ा में नक्सलियों की क्षमता घटेगी
- स्थानीय ग्रामीणों में डर का माहौल कम होगा
- नए भर्ती अभियान पर नक्सली संगठन को झटका लगेगा
सुरक्षा एजेंसियों ने इसे रणनीतिक सफलता बताया है और कहा है कि आने वाले महीनों में नक्सल गतिविधियों में स्पष्ट गिरावट देखी जा सकेगी।
राज्य सरकार और पुलिस की प्रतिक्रिया
छत्तीसगढ़ पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा,
“हिडमा का खात्मा नक्सल विरोधी अभियान के लिए मील का पत्थर है। यह ऑपरेशन पूरी तरह सफल रहा और किसी जवान को गंभीर चोट नहीं आई।”
राज्य सरकार ने भी संयुक्त ऑपरेशन की सराहना की है और इसे “ऐतिहासिक उपलब्धि” बताया।
आगे क्या? नक्सल संगठन में उथल-पुथल की संभावना
हिडमा की मौत के बाद नक्सल संगठन में नए नेतृत्व को लेकर खींचतान बढ़ सकती है। सुरक्षा एजेंसियों का अनुमान है कि:
- संगठन का कमांड अस्थायी रूप से दो-तीन छोटे कमांडरों में बंट सकता है
- नक्सली बदला लेने की कोशिश कर सकते हैं
- अगले कुछ हफ्तों में सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर रहेंगे
हालांकि अधिकारियों का मानना है कि संगठन की पुरानी ताकत अब अपने चरम पर नहीं है और यह बड़ी कार्रवाई नक्सलवाद की कमर तोड़ने वाली घटनाओं में से एक है।








