सोशल संवाद/ डेस्क: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के मौजूदा अध्यक्ष रोजर बिन्नी शनिवार को 70 साल के हो गए। लेकिन फिलहाल इस बात की स्पष्टता नहीं है कि क्या वह सितंबर में होने वाली वार्षिक आम बैठक (एजीएम) तक पद पर बने रहेंगे या तत्काल प्रभाव से पद छोड़ देंगे और उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला अंतरिम प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगे। इस मामले में एक और मोड़ यह है कि राष्ट्रीय खेल विधेयक जल्द ही अस्तित्व में आने वाला है। इसे केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान पेश करेंगे।
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अगर BCCI के राज्य संघ के सदस्य चाहें तो बिन्नी 75 साल की उम्र तक इस पद पर रह सकते हैं. अब नेशनल स्पोर्ट्स फेडरेशंस के पदाधिकारियों के लिए यही उम्र सीमा तय की गई है. जिनके अंतरराष्ट्रीय संगठन (जैसे ICC) में उम्र को लेकर कोई विशेष नियम नहीं है, वहां यह लागू होगी.
इसमें किसी भी प्रशासक के लिए पद पर बने रहने की उम्र की ऊपरी सीमा को मौजूदा 70 से बढ़ाकर 75 करने का प्रावधान है। बीसीसीआई का संविधान हालांकि न्यायमूर्ति लोढ़ा समिति द्वारा तैयार किया गया है और इसमें बोर्ड अध्यक्ष की उम्र की सीमा 70 साल तय गयी है।
बीसीसीआई राष्ट्रीय खेल महासंघ (एनएसएफ) का हिस्सा है ऐसे में खेल विधेयक के लागू होने पर उसे भी इस विधेयक के दायरे में आने की संभावना है। बीसीसीआई भले ही सरकारी अनुदान पर निर्भर नहीं है, लेकिन भारतीय क्रिकेट टीमों के लॉस एंजिल्स ओलंपिक 2028 का हिस्सा बनने के लिए नये खेल विधेयक का पालन करना होगा।
जब बिन्नी के करीबी सूत्रों से संपर्क किया तो पता चला कि 70 वर्षीय बिन्नी को इस मामले में बोर्ड सचिव देवजीत सैकिया और कानूनी विभाग संपर्क करेंगे। राष्ट्रीय खेल विधेयक के मसौदे के मुताबिक, ‘कार्यकारी समिति के लिए नामांकन की अंतिम तिथि पर उस व्यक्ति की आयु 70 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिये।’ इसमें हालांकि कहा गया, ‘संबंधित खेल के अंतरराष्ट्रीय चार्टर में अगर 70 से 75 साल की आयु के व्यक्ति के लिए चुनाव लड़ने की अनुमति हो तो वह ऐसा कर अपना कार्यकाल पूरा कर सकता है।’








