सोशल संवाद/ डेस्क: क्या बैंकों में भी अब सिर्फ 5 दिन काम होंगे, और क्या शनिवार रविवार को रहेगा बैंक बंद, बैंक कर्मचारियों का यूनियन लंबे समय से सरकार से 5 डे वर्किंग की मांग कर रहे हैं. इसका मतलब है कि प्राइवेट कंपनियों की तरह बैंकों में भी हर शनिवार और रविवार को छुट्टी रहा करे. इसे लेकर संसद में सरकार से एक बार फिर ये सवाल पूछा गया कि क्या सरकार बैंकों को 5 डे वर्किंग की मंजूरी देने वाली है? या फिर बैंकों में कर्मचारियों की कमी के कारण इसे लागू करने में देरी हो रही है? सरकार की तरफ से वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने इसका पूरा जवाब दिया.

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लोकसभा में 28 जुलाई 2025 को पूछे गए एक सवाल के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि इंडियन बैंक एसोसिएशन (IBA) ने सरकार के पास एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें हर शनिवार को बैंकिंग अवकाश घोषित करने की सिफारिश की गई है. यानी सभी शनिवार को बैंकों में छुट्टी करने की बात है, न कि सिर्फ दूसरे और चौथे शनिवार को.
संसद में यह भी सवाल पूछा गया कि क्या पांच दिनी कार्य सप्ताह का प्रस्ताव बैंकिंग स्टाफ की कमी के कारण अटका हुआ है? इस पर जवाब देते हुए मंत्री पंकज चौधरी ने कहा कि ऐसा नहीं है. उन्होंने बताया कि 31 मार्च 2025 तक, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में 96% स्टाफ तैनात हैं. बाकी 4% की कमी सेवानिवृत्ति, इस्तीफे और अन्य अप्लान्ड एग्जिट्स के चलते होती है, जो स्वाभाविक प्रक्रिया है.
उन्होंने साफ कहा कि स्टाफ की संख्या का निर्णय हर बैंक अपनी जरूरत के अनुसार खुद करता है, जिसमें उनके कारोबार का स्तर, शाखाओं की संख्या, रिटायरमेंट और अन्य कारक शामिल होते हैं. नई भर्तियां भी इन्हीं जरूरतों के अनुसार की जाती हैं.
फिलहाल पांच दिनी बैंकिंग सप्ताह का यह प्रस्ताव आखिरी मंजूरी का इंतजार कर रहा है. चूंकि यह नीतिगत बदलाव है, इसलिए इसमें सरकार, बैंक प्रबंधन, कर्मचारी यूनियन और ग्राहकों के हितों के बीच संतुलन बनाना होगा. सरकार ने साफ कर दिया है कि स्टाफ की कमी जैसी कोई बड़ी बाधा नहीं है. ऐसे में आने वाले समय में यदि सभी पक्षों की सहमति बनती है, तो यह बदलाव जल्द ही साकार हो सकता है.








