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महिला सशक्तिकरण और तकनीकी कृषि को मिलेगा नया आयाम: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

By Riya Kumari

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Women empowerment and technical agriculture will get a new dimension MP Brijmohan Agarwal

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सोशल संवाद / नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार द्वारा महिलाओं और किसानों के सशक्तिकरण हेतु चलाई जा रही योजनाएं देश में सामाजिक और आर्थिक बदलाव का माध्यम बन रही हैं। इसी क्रम में रायपुर के सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने आज लोकसभा में महिला सशक्तिकरण और तकनीकी कृषि से जुड़ी ‘नमो ड्रोन दीदी योजना’ को लेकर केंद्र सरकार से कई महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ मांगीं।

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लोकसभा में अग्रवाल ने योजना की प्रमुख विशेषताओं, ड्रोन क्लस्टर्स की संख्या, छत्तीसगढ़ सहित देशभर में ड्रोन वितरण की स्थिति, योजना हेतु आबंटित बजट तथा 2024-25 में कितनी महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा। इन सभी बिंदुओं पर सरकार से विस्तृत जानकारी देने का आग्रह किया। जवाब में कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री रामनाथ ठाकुर ने बताया कि यह योजना वर्ष 2023-24 से 2025-26 तक ₹1261 करोड़ के बजट में चलाई जा रही है, जिसके अंतर्गत 15,000 ड्रोन महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत ड्रोन पैकेज की कुल लागत का 80 प्रतिशत (अधिकतम ₹8 लाख) तक की केंद्रीय वित्तीय सहायता दी जाती है।

प्रशिक्षण के संबंध में मंत्री ने बताया कि एक महिला सदस्य को 15 दिन का ड्रोन संचालन प्रशिक्षण तथा एक अन्य को 5 दिन का सहायक प्रशिक्षण दिया जाता है। छत्तीसगढ़ में अब तक 15 महिला सदस्यों को ड्रोन पायलट प्रशिक्षण दिया गया है और राज्य में 15 ड्रोन वितरित किए गए हैं। देशभर में अब तक कुल 1094 ड्रोन वितरित हो चुके हैं। ड्रोन आधारित कृषि सेवाओं के लिए क्लस्टर्स के चयन की प्रक्रिया भी राज्य स्तरीय समितियों द्वारा जारी है, जिनमें सिंचित क्षेत्र, उच्च कीटनाशक-उर्वरक उपयोग वाले क्षेत्र, तथा सघन फसल क्षेत्र प्राथमिकता में रखे जा रहे हैं।

बृजमोहन अग्रवाल ने इस योजना को “महिलाओं के हाथों में तकनीक और आत्मनिर्भरता देने वाला क्रांतिकारी कदम” बताया। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीण भारत में महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और कृषि उत्पादकता बढ़ाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी। अंत में उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि छत्तीसगढ़ जैसे कृषि-प्रधान राज्य में इस योजना का विस्तार किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को इसका लाभ मिल सके और वे आत्मनिर्भर बन सकें।

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