Don't Click This Category

ये है दुनिया का सबसे छोटा कैमरा, साइज़ है नमक के दाने जितना

सोशल संवाद/डेस्क : विज्ञान की कई चीज़ें हमें असलियत के बजाय चमत्कार जैसी लगती हैं. हालांकि इसके लिए वैज्ञानिकों की बेतहाशा मेहनत और तेज़ दिमाग काम करता है, तब जाकर ऐसी चीज़ें हमें मिल पाती हैं. कुछ ऐसी ही एक डिवाइस अमेरिका के वैज्ञानिकों ने तैयार (Scientists Developed Smallest Camera)की है. ये डिवाइस है- एक माइक्रोस्कोपिक कैमरा, जो इतना छोटा है कि हाथ पर रखने के बाद भी आसानी से नहीं दिखेगा.

Read moreक्या आप जानते हैं क्रिस गेल का पूरा नाम ?

साइज़ पर मत जाइए, कमाल है ये कैमरा
इस कैमरे का साइज़ सिर्फ आधा मिलीमीटर है और ये कांच से बना हुआ है. ये सोचने वाली बात है कि इतने छोटे कैमरे से काम क्या होगा? लेकिन आप इस कैमरे के साइज़ पर आप मत जाइए क्योंकि ये दिखता छोटा है, मगर इसके काम बड़े हैं. Princeton University और University of Washington के रिसर्चर्स ने मिलकर इसे बनाया है. दावा किया जा रहा है कि ये 5 लाख गुना बड़ी तस्वीरें कैप्चर कर सकता है. इस कैमरे से सबसे ज्यादा फायदा मेडिकल के क्षेत्र में होने वाला है. इस छोटे से कैमरे से डॉक्टर्स को इंसानी शरीर के अंदर की चीज़ें देखने में काफी आसानी होगी. इसके आस-पास की चीज़ों को सुपर स्मॉल रोबोट्स सेंस भी कर सकेंगे और डॉक्टरों को स्टडी में मदद मिल सकेगी.
जाने क्वालिटी के बारे में
कैमरा भले ही छोटा है, लेकिन तस्वीरें वाइड एंगल खिंच सकती हैं और क्वॉलिटी भी बहुत अच्छी होगी. अब तक के माइक्रो कैमरों में तस्वीरों के किनारे धुंधले हो जाते थे और रंगों में भी दिक्कत होती थी लेकिन इस छोटे से कैमरे में ये समस्या नहीं होगी. ये नेचुरल लाइट में बेहतरीन काम करेगा और लेज़र लाइट में भी ज्यादा से ज्यादा गुणवत्ता वाली तस्वीरें दे सकेगा. इसे 120 डिग्री फील्ड व्यू मिलेगा और एक्सटेंडेड फोकस रेंज 3 मिलीमीटर से 30 मिलीमीटर तक होगी. इससे 30 फ्रेम/ सेकंड रिकॉर्ड हो सकेंगे.

कैमरे के छोटे आकार को देख कर मत हैरान होना क्योंकि ये सिर्फ देखने में छोटा है लेकिन इसके कारनामे बहुत बड़े है। इसे प्रिंसटन विश्वविद्यालय (Princeton University) और वाशिंगटन विश्वविद्यालय (University of Washington) के रिसर्चर्स द्वारा इस कैमरे को बनाया गया था, जो दावा करते हैं कि यह 5 लाख गुना बड़ी फोटोज को कैप्चर करने में काबिल है। इस कैमरे से मेडिकल फील्ड को सबसे अधिक फायदा होगा क्योंकि डॉक्टरों के लिए शरीर के अंदर के हिस्सों को देखने के लिए एक छोटे कैमरे का उपयोग करना बहुत आसान हो जाएगा। इतना ही नहीं बल्कि इसके आस पास की चीज़ों को सेंस करने के लिए सुपर स्मॉल रोबोट्स भी है और इससे डॉक्टरों को भी इस बारें में स्टडी करने में काफी मदद मिलेंगी। वैज्ञानिक एथन त्सेंग (Ethan Tseng) ने इसे तैयार किया और उनके मुताबिक इसमें 1.6 मिलियन सिलिंड्रिकल पोस्ट हैं।

कैमरे के छोटे आकार के बावजूद, वाइड-एंगल तस्वीरें ली जा सकती हैं और इसकी क्वालिटी भी बहुत अच्छी सामने आ रही है। पहले माइक्रो कैमरे में तस्वीरों के किनारे धुंधले हो जाते थे और रंगों को लेकर भी दिक्कतें होती थीं, लेकिन इस छोटे कैमरे में ये दिक्कतें नहीं होंगी। यह दिन के उजाले में सबसे अच्छा रिजल्ट देगा और लेजर प्रकाश में भी बेहतर क्वालिटी वाली फोटो कैप्चर करेगा। इसमें 3 मिलीमीटर से 30 मिलीमीटर की एक्सटेंडेड फोकस रेंज और 120 डिग्री का फील्ड व्यू होगा। इससे प्रति सेकंड 30 फ्रेम रिकॉर्डिंग की जा सकती है।

admin
Published by
admin

Recent Posts

  • समाचार

श्रीनाथ विश्वविद्यालय में आठवां श्रीनाथ अंतर्राष्ट्रीय हिंदी महोत्सव के दूसरे दिन के कार्यक्रम संपन्न

सोशल संवाद / जमशेदपुर : दिनांक 21.12. 2024 को आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ विश्वविद्यालय में आठवां…

17 hours ago
  • समाचार

बड़बिल नगरपालिका क्षेत्र में विश्व ध्यान दिवस के अवसर पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के तत्वावधान में आध्यात्मिक कार्यक्रम आयोजित

सोशल संवाद /बड़बिल (रिपोर्ट -संजय सिन्हा) : बड़बिल नगरपालिका क्षेत्र में विश्व ध्यान दिवस के…

17 hours ago
  • समाचार

बोलानी में क्रिकेट टूर्नामेंट मार्केट प्रीमियर लीग सीजन-4 आयोजित

सोशल संवाद / बड़बिल ( रिपोर्ट - संजय सिन्हा ) : बड़बिल -बोलानी टाउनशिप के…

21 hours ago
  • समाचार

महादेव जी की असीम कृपा से 24 वर्षों से जारी है कंबल सेवा – अमरप्रीत सिंह काले

सोशल संवाद / जमशेदपुर: हर हर महादेव सेवा संघ ने सर्दी के मौसम में जरूरतमंदों…

21 hours ago