सोशल संवाद / डेस्क : भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने रविवार को पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) एसवाई कुरैशी पर बड़ा हमला बोला। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट पर टिप्पणी करने के बाद अब उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) को निशाना बनाया है। एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दुबे ने कुरैशी पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वे ‘चुनाव आयुक्त नहीं बल्कि मुस्लिमों के आयुक्त’ थे। दुबे ने आरोप लगाया कि झारखंड के संथालपरगना इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठियों को वोटर बनाने का काम कुरैशी के कार्यकाल में हुआ।
उन्होंने आगे लिखा, “पैगंबर मुहम्मद साहब का इस्लाम भारत में 712 ईस्वी में आया था। उससे पहले यह भूमि हिंदू या उस आस्था से जुड़ी आदिवासी, जैन और बौद्ध धर्मावलंबी की थी। अपने गांव का इतिहास बताते हुए संसद ने कहा, “मेरे गांव विक्रमशिला को बख्तियार खिलजी ने 1189 में जला दिया था। विक्रमशिला विश्वविद्यालय ने दुनिया को पहला कुलपति दिया- अतिश दीपांकर के रूप में। देश को जोड़ो, इतिहास पढ़ो, तोड़ने से पाकिस्तान बना था। अब बंटवारा नहीं होगा?”
विवाद की जड़
दरअसल, यह सारा विवाद तब शुरू हुआ जब एस.वाई. कुरैशी ने वक्फ अधिनियम पर टिप्पणी करते हुए एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, “वक्फ अधिनियम निस्संदेह मुस्लिम जमीन हड़पने के लिए सरकार की एक खतरनाक और गलत योजना है। मुझे भरोसा है कि सुप्रीम कोर्ट इस पर सवाल उठाएगा।” इसी बयान के जवाब में निशिकांत दुबे ने कुरैशी पर यह हमला बोला।
आपको बता दे निशिकांत दुबे ने इससे पहले सुप्रीम कोर्ट और मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना पर भी तीखा हमला बोला था। उन्होंने कहा था कि “देश में धार्मिक युद्ध जैसे हालात बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट जिम्मेदार है। कोर्ट अपनी सीमा पार कर रही है। हर विषय पर कोर्ट जाएं तो संसद और विधानसभा को बंद कर देना चाहिए।”