सोशल/ संवाद: डेस्क: क्या आपका भी टीडीएस कटता है और आपको इसे निकालने में काफी परेशानी हो रही है। इसकी लंबी प्रक्रिया आपको परेशान करती है तो घबराने की जरूर नहीं है अब आपको एक फार्म के माध्यम से पैसा मिल जाएगा। अब सरकार ऐसे टैक्सपेयर जिनको टैक्स नहीं देना होता है को राहत देने की तैयारी में है। सरकार एक नया आसान सिस्टम ला रही है जिसमें ऐसे टैक्सपेयर्स एक सिंपल फॉर्म भरकर रिफंड क्लेम कर सकेंगे। इनकम टैक्स बिल 2025 पर बनी सेलेक्ट कमेटी ने इसका सुझाव दिया है। मामले से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि यह कदम छोटे टैक्सपेयर्स को अनावश्यक कानूनी झंझटों से बचाने के लिए लिया गया है।
इनकम टैक्स बिल को संसद में 13 फरवरी 2025 को पेश किया गया था और यह 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की संभावना है। इनकम टैक्स बिल पर बनी सेलेक्ट कमेटी का मानना है कि रिफंड के लिए ITR भरना अनिवार्य करने से छोटे टैक्सपेयर्स पर अनजाने में केस बन सकता है। अगर किसी व्यक्ति की आय टैक्सेबल सीमा से कम है और TDS कट गया है, तो उसे सिर्फ पेनल्टी से बचने के लिए रिटर्न भरने को मजबूर नहीं किया जाना चाहिए।
कमेटी के दो अन्य सदस्यों ने बताया कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड एक नया सिस्टम तैयार कर रहा है जिसमें रिटर्न की जगह एक सरल फॉर्म से रिफंड क्लेम किया जा सकेगा. यह प्रक्रिया फॉर्म 26AS से लिंक होगी जो TDS और टैक्स कलेक्शन की समेकित जानकारी देता है।
वर्तमान कानूनों के अनुसार, अगर किसी व्यक्ति की आमदनी टैक्सेबल नहीं है लेकिन उसके बैंक इंटरेस्ट या सैलरी से TDS कटता है, तो उसे ITR भरना पड़ता है. देरी होने पर पेनल्टी भी लग जाती है। कमेटी ने इस प्रक्रिया को सरल बनाने का सुझाव दिया है। नए प्रावधान में आईटीआर भरने की बाध्यता खत्म हो जाएगी।
उदाहरण के तौर पर, नए टैक्स सिस्टम में अगर किसी व्यक्ति की सालाना सैलरी ₹12.75 लाख है लेकिन उसने टैक्स छूट संबंधी डॉक्यूमेंट्स नहीं दिए हैं तो नियोक्ता TDS काट लेता है। ऐसे में उसे रिफंड पाने के लिए रिटर्न दाखिल करना पड़ता है. अब यह प्रक्रिया आसान हो सकती है।