सोशल संवाद/ डेस्क: प्रॉपर्टी खरीदना या बेचना लोगों के लिए हमेशा से जोखिम भरा रहा है, लोगों को रजिस्ट्री करवाने के लिए सरकारी ऑफिस के चक्कर लगाना पड़ता है लेकिन अब तमिलनाडु सरकार इस परेशानी से छुटकारा दिलाने जा रही है. राज्य सरकार जल्द ही देश का पहला ऐसा ऑनलाइन सिस्टम शुरू करने वाली है, जिसके जरिए जमीन या मकान की रजिस्ट्री घर बैठे की जा सकेगी. शुरुआत में यह सुविधा वैकल्पिक होगी, लेकिन आगे चलकर इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा. यह कदम लोगों का समय और पैसा दोनों बचाएगा.
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, तमिलनाडु में हर साल करीब 36 लाख दस्तावेज रजिस्टर्ड होते हैं. इनमें 5.5 लाख मेमोरेंडम ऑफ डिपॉजिट ऑफ टाइटल डीड (MOD) और 3.5 लाख रसीद डीड शामिल हैं. वहीं, चेन्नई में हर महीने औसतन 26 हजार अपार्टमेंट्स की रजिस्ट्री होती है।
वर्तमान में राज्य में 582 सब-रजिस्टार ऑफिस हैं, जिनमें से ज्यादातर जगह और पार्किंग की कमी से जूझ रहे हैं. यहां रोजाना भीड़ उमड़ती है, जिससे खरीदारों और बिल्डर्स दोनों को परेशानी होती है. इसी वजह से सरकार ने ऑनलाइन रजिस्ट्री सिस्टम लागू करने का फैसला लिया है, ताकि समय, मेहनत और पैसा तीनों की बचत हो सके.
कैसे होगा घर बैठे रजिस्ट्रेशन?
नए मॉडल में खरीदार, बेचने वाला और बिल्डर्स को अपने दस्तावेज ऑनलाइन अपलोड करने होंगे. संबंधित सब-रजिस्टार ऑफिस इन डॉक्यूमेंट्स की जांच कर मंजूरी देगा. इसके लिए रजिस्ट्रेशन विभाग बड़े बिल्डर्स और डेवलपर एसोसिएशन को खास सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराएगा. अधिकारियों के मुताबिक, इस सुविधा की शुरुआत साल के अंत तक कर दी जाएगी. इस प्रक्रिया में आधार-आधारित ऑथेंटिकेशन भी जोड़ा जाएगा.
यानी फिंगरप्रिंट और आईरिस वेरिफिकेशन के जरिए पहचान की पुष्टि होगी. इसके लिए बिल्डर्स को बायोमेट्रिक और आईरिस स्कैनर खरीदने होंगे. गौरतलब है कि दो साल पहले ही सरकार ने MODs, रसीद डीड्स और 5 साल तक के रेजिडेंशियल लीज डीड्स के लिए ‘प्रेज़ेंसलेस रजिस्ट्रेशन’ की शुरुआत की थी, हालांकि अब तक केवल 30 हजार दस्तावेज ही इस सिस्टम से रजिस्टर्ड हुए हैं.








