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भारत में सबसे कम उम्र में विधायक बनने वाले चेहरे: Maithili Thakur ने जोड़ा नया अध्याय

By Muskan Thakur

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भारत में सबसे कम उम्र में विधायक बनने

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सोशल संवाद/डेस्क : भारतीय राजनीति में युवा नेताओं का उभार हमेशा चर्चा का विषय रहा है। आज भी कई ऐसे नाम मौजूद हैं जिन्होंने बहुत कम उम्र में चुनाव जीतकर विधायक चुने जाने का इतिहास रचा। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में अलीनगर सीट से भाजपा उम्मीदवार के रूप में उभरकर सामने आईं 25 वर्षीय Maithili Thakur भी अब इसी सूची में अपनी जगह पक्की कर चुकी हैं। अपनी पहली ही चुनावी लड़ाई में शानदार जीत हासिल कर उन्होंने यह साबित कर दिया कि जनता का समर्थन अनुभव के बजाय काम, विश्वसनीयता और जुड़ाव के आधार पर भी मिल सकता है।

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संगीत की दुनिया में अपनी मीठी आवाज़ से घर-घर में पहचान के बाद Maithili Thakur ने राजनीति में कदम रखा और अपनी लोकप्रियता को लोगों की उम्मीदों में बदल दिया। 25 वर्ष की उम्र में विधायक बनकर वे बिहार की नई पीढ़ी के नेतृत्व की प्रतीक बन गई हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, उन्होंने 84,915 वोट हासिल किए जबकि उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी राजद उम्मीदवार बिनोद मिश्रा को 73,185 वोट मिले। लगभग 11,730 वोटों के अंतर से मिली जीत यह संकेत देती है कि युवा मतदाताओं के साथ-साथ वरिष्ठ मतदाताओं ने भी उन्हें भरोसेमंद विकल्प माना।

लेकिन यह पहली बार नहीं है जब देश ने इतनी कम उम्र में विधायक बनने वाले नेताओं को देखा है। भारत की राजनीतिक यात्रा में कई ऐसे युवा चेहरे रहे हैं जिन्होंने 25 से 28 वर्ष की उम्र के बीच विधानसभा तक पहुँचने का कीर्तिमान रचा है। आइए उन प्रमुख नेताओं पर एक नजर डालते हैं, जिन्होंने मैथिली से पहले इस उपलब्धि को हासिल किया था।

उमेद सिंह (Rajasthan) — 25 वर्ष (1962)
राजस्थान के राजनीतिक इतिहास में 1962 का चुनाव इसलिए उल्लेखनीय माना जाता है क्योंकि इसी वर्ष मात्र 25 वर्ष की उम्र में उमेद सिंह बारमेर से विधायक बनाए गए। वे उस दौर के सबसे युवा विधायकों में शामिल थे और बाद के वर्षों—1980 और 1985 में भी उन्होंने अपनी जीत दोहराकर अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया।

अरुण वर्मा (Uttar Pradesh) — 25 वर्ष (2012)
उत्तर प्रदेश में 2012 के विधानसभा चुनाव में सुल्तानपुर सदर सीट से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार अरुण वर्मा ने 25 वर्ष की उम्र में जीत हासिल कर धमाकेदार एंट्री की। उन्हें युवा विधायकों में शामिल किए जाने के साथ-साथ “आदर्श युवा विधायक पुरस्कार” से भी सम्मानित किया गया, जो उनके सक्रिय प्रदर्शन का प्रमाण है।

आदित्य सूरजेवाला (Haryana) — 25 वर्ष (2024)
हरियाणा में भी युवा नेतृत्व की चमक देखने को मिली जब 2024 में आदित्य सूरजेवाला ने कैथल सीट से जीत हासिल की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रंजीत सूरजेवाला के पुत्र होने के बावजूद आदित्य की लोकप्रियता उनके अपने कार्य, युवा ऊर्जा और स्थानीय जुड़ाव से बनी। वे भी 25 वर्ष की उम्र में विधायक बने और उन्हें हरियाणा के सबसे युवा जनप्रतिनिधियों में शामिल किया गया।

मायनमपल्ली रोहित (Telangana) — 26 वर्ष (2023)
तेलंगाना की राजनीति में 2023 में बड़ा मोड़ तब आया जब 26 वर्ष की उम्र में मायनमपल्ली रोहित ने मेडक सीट से पहली बार चुनाव लड़ते हुए दिग्गज नेता पद्मा देवेंद्र रेड्डी को पराजित कर विधानसभा में जगह बनाई। उनकी जीत को युवा राजनीतिक बदलाव का संकेत माना गया।

रोहित रावसाहेब पाटिल (Maharashtra) — 26 वर्ष (2024)
महाराष्ट्र में 2024 के चुनाव में तासगांव-कवठे महांकाल सीट से रोहित रावसाहेब पाटिल ने 26 वर्ष की आयु में जीत दर्ज की। यह उनकी पहली राजनीतिक पारी थी, जिसमें उन्होंने उम्मीद से बेहतर प्रदर्शन करते हुए युवा नेतृत्व की ताकत दिखाई। इसी तरह ओडिशा में बीजेपी की युवा नेता उपासना मोहापात्रा ने 2024 में ब्रह्मगिरी सीट जीतकर 26 वर्ष की उम्र में राज्य की सबसे कम उम्र की विधायक बनने का गौरव हासिल किया।

श्रीकांत जिचकार (Maharashtra) — 26 वर्ष (1980)
भारत के सबसे शिक्षित और चर्चित नेताओं में से एक श्रीकांत जिचकार का नाम भी इस सूची में शामिल है। 20 से अधिक डिग्रियों के धनी जिचकार 1980 में 26 वर्ष की उम्र में महाराष्ट्र विधान सभा पहुंचे और बाद में राज्य के सबसे सक्रिय विधायकों और मंत्रियों में गिने गए।

नरींदर कौर भराज (Punjab) — 27 वर्ष (2022)
पंजाब में नरींदर कौर भराज ने 2022 में आम आदमी पार्टी के टिकट पर 27 वर्ष की उम्र में विजय इंदर सिंगला जैसे बड़े नाम को हराया। इसी प्रकार केरल में 2021 में 28 वर्ष की उम्र में के.एम. सचिन देव बालुस्सेरी से जीतकर सबसे युवा विधायक बने।

मनसुख मांडविया (Gujarat) — 28 वर्ष (2002)
गुजरात में भी मनसुख मांडविया ने 2002 में 28 वर्ष की उम्र में अपनी पहली जीत हासिल की, जो आगे चलकर उन्हें केंद्रीय मंत्री बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई।

के. एम. सचिन देव (Kerala) — 28 वर्ष (2021)
केरल के बालुस्सेरी से 2021 में 28 वर्ष की उम्र में चुने गए सचिन देव 15वीं केरल विधानसभा के सबसे युवा विधायक बने।

उपासना मोहापात्रा (Odisha) — 26 वर्ष (2024)
ओडिशा के ब्रह्मगिरी से भाजपा उम्मीदवार उपासना मोहापात्रा 2024 में 26 वर्ष की उम्र में राज्य की सबसे युवा विधायक बनीं।

अब बात करें Maithili Thakur की—तो उनका राजनीति में आना सिर्फ एक चुनावी लड़ाई नहीं, बल्कि बिहार की राजनीतिक संस्कृति में युवा प्रतिनिधित्व का नया अध्याय है। उनकी सफलता यह संकेत देती है कि राजनीति में उम्र से अधिक महत्वपूर्ण है ईमानदारी, मेहनत और जनता के साथ भावनात्मक जुड़ाव। उनके समर्थकों का मानना है कि आने वाले वर्षों में वे न सिर्फ अलीनगर बल्कि पूरे बिहार की राजनीति में एक बड़ा चेहरा बन सकती हैं।

भारत के इन युवा विधायकों की कहानी यह साबित करती है कि उत्साह, नए विचार और साहस—राजनीति में उम्र की सीमाओं को तोड़ सकते हैं। मैथिली ठाकुर अब इस प्रेरक सूची का नया नाम हैं, और उनका सफर आगे कैसा रहेगा—यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।

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