सोशल संवाद / राँची : युगांतर भारती के संरक्षक और जमशेदपुर पश्चिमी के विधायक सरयू राय ने कहा है कि सरकार को दामोदर नद का उद्गम स्थल ‘सलगी’ और स्वर्णरेखा नदी के उद्गम स्थल ‘नगड़ी’ का विशेष ध्यान देकर विकास करना चाहिए और सरकार को यह प्रयास करना चाहिए कि दोनों स्थानों का नाम भारतीय पर्यटन के मानचित्र पर दिखे।
युगांतर भारती के वार्षिक आम सभा में सरयू राय ने कहा कि नगड़ी को आदर्श प्रशासनिक इकाई के रूप में विकसित करने की नितांत जरूरत है। उन्होंने नगड़ी और सलगी में सांस्कृतिक गतिविधियां बढ़ाने का भी सुझाव दिया।
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जमशेदपुर पश्चिम के विधायक ने कहा कि झारखण्ड में अब 32 प्रतिशत आबादी शहरों में रहने लगी है। उनका विरोध शहरों मंे लोगों के रहने से नहीं अपितु शहरों में बढ़ रही समस्याओं का सरकारी स्तर पर समाधान नहीं होने से है। उन्होंने कहा कि शहरों के कारण नदियाँ गंदी हो रही हैं। यह बात वह वर्षों से कहते चले आ रहे हैं और अब उनकी बातें सत्य साबित हो रही है। चाहे स्वर्णरेखा नदी हो अथवा खरकई या फिर हरमू। इन सबकी दशा खराब हो गई है।
सरयू राय ने युगांतार भारती के अध्यक्ष, अंशुल शरण को सुझाव दिया कि युगांतर न्यूज यू-ट्यूब चैनल पर ‘‘पर्यावरण पाठशाला’’ नामक साप्ताहिक कार्यक्रम नववर्ष के बाद आरंभ करायें। राय ने कहा कि युगांतर भारती एक अम्ब्रैला संस्था के रूप में काम करें और अपने लक्ष्यों को हासिल करे। उन्होंने इस बात से सहमति जतायी कि अब संस्था से नौजवानों को बड़े पैमाने पर जोड़ने की जरूरत है, ताकि नदी संरक्षण के अलावे पर्यावरण के अन्य तथ्यों पर भी सकारात्मक और गंभीरतापूर्वक कार्य करने की आवश्यकता है।
इसके पूर्व युगांतर भारती के अध्यक्ष अंशुल शरण ने संगठन की अब तक की विकास यात्रा पर प्रकाश डाला और आने वाले वर्ष में क्या कार्य किये जाने शेष है, इस संबंध में चर्चा की। उन्होंने कहा कि युगांतर भारती में पर्यावरण, भोजन, स्वर्णरेखा महोत्सव, दामोदर महोत्सव, पर्यावरण दिवस जैसे अनेक बंेच मार्क वाले कार्य वर्ष 2024 में किये हैं। शरण ने 2025 की कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए बताया कि नगड़ी, हुंडरू, जोन्हा, मूरी, चांडिल और जमशेदपुर मंे 12 से 14 जनवरी के बीच स्वर्णरेखा महोत्सव का आयोजन होगा। 22 मार्च को जल दिवस, 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस, 22 मई को जैव विविधता दिवस और 05 जून को विश्व पर्यावरण दिवस एवं दामोदर महोत्सव (गंगा दशहरा) का एक साथ आयोजन होगा। उन्होंने इन सभी आयोजनों की सफलता के लिए लोगों से सुझाव भी मांगे।
सेवानिवृत पुलिस उपमहानिरीक्षक संजय रंजन सिंह ने कहा कि हमने नदियों को मार दिया है और अगर इन्हें दुबारा जीवित नहीं किया गया तो इंसानी सभ्यता को लोप हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि हरमू पहले नदी हुआ करती थी, जिसे मारकर हमने सिवेज बना दिया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए हमें स्कूलों तक जाना होगा और स्कूलों से ही नौजवानों का आंदोलन आगे बढ़ेगा।
ख्यातिनाम पर्यावरणविद् प्रो. एम.के. जमुआर ने कहा कि नये लोगों को जोड़ना समय की मांग है। दस्तावेजीकरण को और बढ़ावा देना होगा। वायु प्रदूषण को लेकर नया आंदोलन छेड़ने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने युगांतर भारती को स्कूलों में ‘इको क्लब’ बनाने की जरूरत को भी रेखांकित किया। स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के ट्रस्टी आशुतोष राय ने जमशेदपुर में ट्रस्ट की गतिविधियों के बारे में संक्षिप्त जानकारी दी।
धन्यवाद ज्ञापन स्वर्णरेखा क्षेत्र विकास ट्रस्ट के मुख्य ट्रस्टी अशोक गोयल ने किया। इस वार्षिक आम सभा में राज्य के विभिन्न जिलों से पर्यावरणविद्, विभिन्न पर्यावरणीय संस्थाओं के प्रतिनिधि मौजूद रहे, जिनमें मुख्य रूप से युगांतर भारती के सचिव आशीष शीतल, डॉ. ज्योति प्रकाश, सामाजिक कार्यकर्ता, धर्मेंन्द्र तिवारी, गणेश रेड्डी, तपेश्वर केशरी, आनन्द कुमार, रामानुज शेखर, मुकेश पाण्डेय, रितेश झा, प्रवीण सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद सिन्हा, समीर सिंह, ओम प्रकाश सिंह, बालकृष्णा सिंह, कमल भगत, उदय सिंह, मनोज सिंह आदि उपस्थित थे।