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गोलमुरी उत्कल समाज में 87वीं उत्कल दिवस (ओड़ीसा दिवस) समारोह मनाई गई

By admin

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सोशल संवाद/डेस्क : 1 अप्रैल को ओडिशा स्थापना दिवस समाज के सभागार में धूमधाम से मनाई गई। 1 अप्रैल 1936 भारत के स्वतंत्रता से पूर्व भाषा आधारित प्रथम राज्य ओड़ीसा को राज्य के रूप में मान्यता प्राप्त हुई । इस दिन को समग्र विश्व में निवास करने वाले ओड़िया लोगों के लिए एक गौरव का दिन है, इस खुशी के अवसर को जमशेदपुर में 1936 से स्थापित गोलमुरी उत्कल समाज प्रत्येक वर्ष 1 अप्रैल को “उत्कल दिवस” के रूप में मनाती है।

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी समाज के द्वारा 87वीं उत्कल दिवस मनाया गया।  इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरायकेला के राजा  प्रताप आदित्य सिंह देव, एवं विशिष्ट अतिथि तीनप्लेट कंपनी के वरीय पदाधिकारी, मैनेजमेंट सर्विसेज डिपार्टमेंट के ओमिय रंजन आचार्य जी के द्वारा सर्वप्रथम ओड़ीसा राज्य के इष्ट देवता महाप्रभु जगन्नाथ जी के चरणों में पूजा अर्चना, तत्पश्चात उड़ीसा राज्य गठन में अपनी अग्रणी भूमिका निभाने वाले महापुरुष गोपाबंधु एवं मधुबाबू के प्रतिमा पर माल्यार्पण कर कार्यक्रम की शुभारंभ ओड़ीसा राज्य के गीत “वंदे उत्कल जननी” संगीत के साथ प्रारंभ की गई।

उड़ीसा राज्य के तटवर्ती झारखंड के जिलों में जितने ओड़िया माध्यमिक विद्यालय कार्यरत है उन विद्यालयों को भाषाई अल्पसंख्यक की मान्यता, विद्यालय में ओड़िया अध्यापक की नियुक्ति, विद्यालयों में अपनी मातृभाषा में शिक्षा प्राप्ति हेतु उपयुक्त ओड़िया पुस्तक की व्यवस्था आदि चर्चा का विषय को प्रमुखता से चर्चा विषय रहा। झारखंड में आने वाले दिनों में ओड़िया बच्चों को भाषा साहित्य संस्कृति के प्रति किस प्रकार अधिक से अधिक जागरूक कर सके इस पर गंभीरता से चर्चा की गई।

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