सोशल संवाद/डेस्क : झारखंड हाईकोर्ट के आदेश पर जमशेदपुर अक्षेस के अधीन बने बिल्डिंग और अवैध तरीके से हुए निर्माण की जांच करने के लिए तीन सदस्यीय आयोग की टीम जमशेदपुर पहुंची. आयोग की टीम ने साकची, बिष्टुपुर समेत कई एरिया के बिल्डिंग को देखा और जांच की. इस दौरान बिल्डिंग मालिकों में हड़कंप मचा रहा. कड़ी सुरक्षा के बीच झारखंड हाईकोर्ट द्वारा गठित आयोग के सदस्यों ने सारे पहलुओं को देखा और ग्राउंड रियलिटी को चेक किया.
आपको बता दें कि झारखंड उच्च न्यायालय ने जमशेदपुर शहर में अवैध निर्माण और अवैध बिल्डिंग के साथ साथ बिल्डिंग बाइलॉज के उल्लंघन के मामले की जांच के लिए एक आयोग का गठन किया था. आयोग में तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं को शामिल किया गया है, जिनमें राजनंदन सहाय, सुदर्शन श्रीवास्तव और पांडेय नीरज राय शामिल हैं. इन तीनों का एक आयोग बनाया गया है, जो जमशेदपुर शहर का दौरा कर और जमीनी हकीकत का आकलन कर अपनी रिपोर्ट समर्पित करेंगे. झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार और न्यायाधीश आनंद सेन की खण्डपीठ ने जमशेदपुर के रहने वाले याचिकाकर्ता राकेश झा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया था.
आयोग में शामिल अधिवक्ता चार बिंदुओं पर जांच करेंगे. आयोग को कहना है कि क्या भवनों के निर्माण में अनुमतियों, बिल्डिंग बाइलॉज़, 2016 (भवन उपनियमों) और स्वीकृत योजनाओं (नक्शा) का बड़े पैमाने पर उल्लंघन हुआ है? क्या प्रतिवादी संख्या 2 उपायुक्त और साथ ही प्रतिवादी नंबर 4 (अक्षेस) आवासीय और वाणिज्यिक मकानों के निर्माण को नियंत्रित करने वाले नियमों के अनुपालन के लिए कोई कदम उठा रहे हैं? क्या यातायात नियमों का कोई उल्लंघन हुआ है और क्या प्रत्येक बाजार के पास वाहन पार्किंग के लिए पर्याप्त जगह है? अगर अनधिकृत पार्किंग पाई गई तो उसकी सूचना दी जाये.