सोशल संवाद /बड़बिल (रिपोर्ट -संजय सिन्हा): बोलानी जोड़ा एवं आसपास के क्षेत्रो लोक आस्था महापर्व छठ पूजा के द्वितीय दिन खरना की पूजा भक्ति भाव पूर्वक की गई।खरना मे खीर,पुड़ी प्रसाद के रुप मे भोग लगाया जाता है।क्षेत्रो मे छठ पूजा का आयोजन करनेवाले के घरो मे संध्या समय प्रसाद लेने के लिए लोगो का आवागमन होता रहा।ऐसी मान्यता है कि खरना से ही तन मन को शुद्ध किया जाता है।इस दिन व्रती सुबह से व्रत रखते हैं और शाम के समय छठी मैया के लिए पूजा का प्रसाद तैयार किया जाता है। इसके बाद खीर का प्रसाद व्रती ग्रहण करते हैं और फिर निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।
खरना को लोहंडा भी कहा जाता है और खरना वाले दिन महिलाएं पूरे दिन व्रत रखती हैं, जो मन की शुद्धता के लिए किया जाता है। इस दिन छठी मैया के लिए प्रसाद तैयार किया जाता है। प्रसाद में शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है। खरना की शाम को गुड़ से बनी खीर का भोग लगाया जाता है, कुछ जगहों पर इस खीर को रसिया भी कहते हैं। खास बात यह है कि माता का पूरा प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर तैयार किया जाता है। प्रसाद जब बन जाता है तो सबसे पहले व्रती को दिया जाता है, उसके बाद पूरे परिवार प्रसाद का आनंद लेता है। इस दिन भगवान सूर्य की भी पूजा अर्चना की जाती है और व्रती छठी मैया के गीत भी गाते हैं। खरना में खीर के साथ दूध और चावल से तैयार किया गया पिट्ठा और घी चुपड़ी रोटी भी तैयार की जाती हैं। इसके साथ ही छठ का प्रमुख प्रसाद ठेकुआ भी तैयार किया जाता है।