सोशल संवाद/डेस्क : भारत में एक खबर तेजी से फैल रही है कि ताइवान अगले महीने की शुरुआत में भारतीयों को बड़ा तोहफा देने वाला है. वह अपने देश में कम से कम 1 लाख भारतीय श्रमिकों को नियुक्त करना चाहता है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, ताइवान कारखानों, खेतों और अस्पतालों सहित विभिन्न क्षेत्रों में लाखों लोगों को रोजगार देगा. हालांकि यह कितना सच है यह ताइवान के श्रम मंत्री सू मिंग-चुन द्वारा पता चल गया है.
ताइवान के श्रम मंत्री सू मिंग-चुन ने इस खबर को गलत ठहराया है. उन्होंने फिलहाल यह स्वीकार किया कि दोनों देश इस मुद्दे पर बातचीत कर रहे हैं लेकिन अभी तक किसी निर्णय तक नहीं पहुंच सके हैं. सू मिंग का कहना है कि 1 लाख भारतीय प्रवासी श्रमिकों के ताइवान में प्रवेश करने वाली रिपोर्ट गलत है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह श्रम समझौता चीन के साथ भू-राजनीतिक तनाव को बढ़ा सकता है. चीन ने हमेशा से ही ताइवान के साथ किसी भी आधिकारिक आदान-प्रदान का लगातार विरोध किया है. वहीं, चीन हमेशा से ही ताइवान पर अपना अधिकार मानता है, लेकिन ताइवान खुद को स्व-शासित द्वीप समझता है.
ताइवान में बुजुर्गों की तादाद बढ़ रही है, ऐसा इसलिए क्योंकि यहां लोग अधिक जी रहे हैं और बच्चे कम पैदा कर रहे हैं. इसलिए यहां अधिक श्रमिकों की आवश्यकता है, क्योंकि हर क्षेत्र में बुजुर्गों की आबादी ज्यादा है. यहां अर्थव्यवस्था भी इतनी तेजी से नहीं बढ़ रही है कि हर साल श्रम बाजार में लाखों युवाओं के लिए पर्याप्त नौकरियां पैदा कर सके.