सोशल संवाद / डेस्क : सोना देवी विश्वविद्यालय, घाटशिला में रिसर्च मैथोडोलॉजी ,रियर्च पेपर राइटिंग और पब्लिकेशन पर आज दिनांक 9 सितंबर 2024 को तीन दिवसीय कार्यशाला का उदघाटन हुआ l दिनांक 11सितंबर तक चलने वाली इस कार्यशाला में सोना देवी विश्वविद्यालय के Ph.D रिसर्च स्कॉलर के अलावा अन्य विश्वविधालय के रिसर्च स्कॉलरो ने भी हिस्सा लिया l इस कार्यशाला में रिसर्च स्कॉलरो को शोध के विभिन्न पहलुओं से अवगत कराया गया l कार्यशाला के पहले दिन मुख्य वक्ता के रूप में नागपुर विश्वविधालय, नागपुर, महाराष्ट्र के मनोविज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉo एनo. आरo मृणाल ने रिसर्च स्कॉलरो को शोध के विभिन्न चरणों के बारे में गहन जानकारी दी l
उन्होंने कहा कि शोध कार्य विकास की आधारशिला है l रिसर्चर शोध समस्या के चयन में किन – किन बातों का ध्यान रखें? परिकल्पना का निर्माण एवं उसकी जॉच कैसे करें , रिसर्च डिजाइन बनाते समय किन चीजों पर ध्यान दे ताकि शोध में शामिल सैंपल का प्रतिनिधित्व हो सके? डॉo एनo. आरo मृणाल ने बताया कि अच्छा शोध कार्य करने के लिए रियर्च माइथोलॉजी की जानकारी बहुत जरूरी हैं l प्रोo मृणाल ने बताया कि शोध में डाटा संग्रह करने के बाद सांख्यिकी प्रविधियों की महत्वपुर भूमिका होती हैं l उन्होंने सांख्यिकीय विश्लेषण पद्धतियों जैसे माध्य , माध्यमान , बहुलक , मानक विचलन , t टेस्ट, f टेस्ट , z स्कोर , के बारे में अत्यंत सूक्ष्म जानकारी दी , साथ ही उन्होंने बताया कि दो चरों के बीच विचलन की माप कैसे की जाती है और परिकल्पना परिक्षण कार्य कैसे किया जाता है? उन्होंने सहसंबंध निकलने और सार्थकता का स्तर ज्ञान करने के बारे में भी बताया l प्रोo मृणाल ने सामान्य आकृति वितरण के बाद में भी विस्तार से प्रकाश डाला l
इस से पहले दीप प्रज्ज्वलन के साथ कार्यशाला की शुरूआत हुए l कुलधिपति प्रभाकर सिंह ने मुख्य अतिथि डॉo एनo. आरo मृणाल तथा सभी रिसर्च स्कॉलरो का स्वागत किया l सोना देवी विश्वविद्यालय के कुलपति डॉo जेपी मिश्र ने शिधार्थियों को शोध के महत्व के बारे में बताया तथा कुलसचिव प्रोo (डॉo) गुलाब सिंह आजाद ने रिसर्च मेथोडोलॉजी के विभिन्न चरणों के बारे में संक्षिप्त जानकारी रिसर्च स्कॉलरो को दी , तथा उन्होंने शोधार्थियों को पाठ्यक्रम हेतु इस कार्य शाला के महत्व एवम् उपयोगिता के बाद में विस्तार से बताया l
कार्यशाला के दूसरे सत्र में कई रिसर्च स्कॉलरो ने अपना – अपना पत्र प्रस्तुत किया तथा कार्यक्रम के अन्य में शोधार्थियों ने रिसर्च मेथोडोलॉजी से संबंधित अपना शंकाओं का समाधान विद्त जनों से प्राप्त किया l