सोशल संवाद / जमशेदपुर : जमशेदपुर के एमजीएम कॉलेज के छात्रावास की अमानवीय दुर्दशा को उजागर करते हुए जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र के विधायक सरयू राय ने झारखंड राज्य के वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव को एक पत्र लिखा है इसमें बताया गया है कि झारखंड में रिम्स, राँची के बाद एमजीएम कॉलेज, जमशेदपुर राज्य के मेडिकल कॉलेजों में दूसरा स्थान रखता है. नीट की प्रतियोगिता परीक्षा में काफ़ी अच्छा अंक लाने वाले छात्रों को ही एमजीएम मेडिकल कॉलेज, जमशेदपुर में नामांकन का मौक़ा मिलता है. ऐसे मेधावी छात्र किस अमानवीय स्थित में छात्रावास में रहते हैं और तमाम कठिनाइयों के बीच अध्ययन करते हैं, इसका सहज अनुमान आप संलग्न विडियो की तस्वीरों से लगा सकते हैं. हम सभी के लिए यह शर्मनाक है.
ऐसा नहीं कि एमजीएम मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने अपने छात्रावास की दुर्दशा के बारे में आवाज़ नहीं उठाया है. इन्होंने हर संभव सक्षम एवं उपयुक्त दरवाज़ा खटखटाया है. मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य से लेकर स्वास्थ्य मंत्री तक से गुज़ारिश की है. साल भर पहले स्वास्थ्य मंत्री ने छात्रों के अनुरोध पर इनके छात्रावास का निरीक्षण किया और स्थिति में सुधार का आश्वासन दिया, परंतु अबतक हुआ कुछ नही. संलग्न एक विडियो में स्वास्थ्य मंत्री का आश्वासन भी दिखता है. इस विडियो को देखकर लगता है कि मंत्री जी लंबी-चौड़ी हाँक रहे हैं और सिवाय इसके कि वे विभाग से या सरकार से इस मामले मे क्या कराना चाहते हैं वे अन्य कई ग़ैर सरकारी संस्थाओं से सहायता प्राप्त करने की बातें कर रहे हैं. यह उल्लेख अप्रासंगिक नहीं होगा कि यह कॉलेज और अस्पताल स्वास्थ्य मंत्री के चुनाव क्षेत्र में स्थित हैं, फिर भी कॉलेज के छात्रावास की और अस्पताल की ऐसी दुर्दशा है.
मैं इस पत्र के माध्यम से आपसे निवेदन करना चाहता हूँ कि वित्त विभाग एमजीएम मेडिकल कॉलेज छात्रावास की मरम्मत कराने और इसे मेधावी छात्रों के लिए रहने एवं अध्ययन करने लायक़ बनाने के लिए विशेष निधि का उपबंध करे. चुकि महीना भर के भीतर विधानसभा चुनाव घोषित हो जाने की संभावना है और इस बीच विधानसभा का सत्र भी अब संभव नहीं है, साथ ही राज्य का वार्षिक बजट के बाद प्रथम अनुपूरक बजट भी पारित हो चुका है इसलिए सरकारी ख़ज़ाना से निधि उपलब्ध कराने के विकल्प सीमित है.
या तो एमजीएम मेडिकल कॉलेज छात्रावास की मरम्मत के कार्य को अतिआवश्यक मानकर इस मद में “आकस्मिकता निधि” से व्यय का उपबंध किया जा सकता है या स्वास्थ्य सचिव को निर्देशित किया जा सकता है कि विभाग में विभिन्न मदों की अप्रयुक्त राशियों को छात्रावास मरम्मत मद में स्थानांतरित कर आवश्यक राशि का उपबंध करने का प्रस्ताव वे वित्त विभाग को भेजें. ये दोनों ही विकल्प वित्त विभाग की सहमति से ही कार्यरूप में लाए जा सकते हैं. स्वास्थ्य सचिव एवं स्वास्थ्य मंत्री केवल इतना भर ही कर सकते हैं कि वे चाहें तो इस आशय का प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित कर दें.
उपर्युक्त विवरण के आलोक में आपसे सविनय अनुरोध है कि इस बारे में कृपया विधि सम्मत कार्रवाई करना चाहेंगे. साथ ही इस बारे में समुचित कदम उठाने के लिए स्वास्थ्य सचिव को निदेशित करने की कृपा करना करें.