October 23, 2024 9:00 pm

दैनिक, सीजनल एवं वार्षिक आंकड़े बताते हैं कि पंजाब राज्य उत्तर भारत को पराली प्रदूषण की आग में झोंकने का सबसे बड़ा दोषी है -वीरेन्द्र सचदेवा

पंजाब उत्तर भारत को पराली प्रदूषण की आग में झोंकने का सबसे बड़ा दोषी है

सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने पराली जलने से होने वाले प्रदूषण के आंकड़ों एवं वास्तविकता पर आम आदमी पार्टी की पंजाब सरकार को बचाने के लिये दिल्ली की जनता को गुमराह करने वाले मंत्री गोपाल राय के इस्तीफे की मांग की है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की आम आदमी पार्टी नेता गोपाल राय 10 साल से दिल्ली के मंत्री और गत कई वर्ष से पर्यावरण जैसा महत्वपूर्ण विभाग देखते हैं पर दिल्ली वालों के स्वास्थ हित की सोचने की जगह  पंजाब सरकार के राजनीतिक हित संरक्षण की सोचते हैं और अब समय आ गया है की या तो वह पंजाब सरकार पर कार्यवाई की मांग करें या इस्तीफा दें। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की गोपाल राय ओछी राजनीति करते हुए दिल्ली को गैस चेम्बर बनाने का दोष हरियाणा, उत्तर प्रदेश के साथ ही दूरंदाज राजस्थान पर डालने की कोशिश कर रहे है जबकि वास्तविकता यह है की पंजाब सरकार का पराली जलना ना रोकना दिल्ली वालों का असली दोषी है।

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वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है चाहें हम पराली जलने के गत 24 घंटे के आंकड़े देखें, वर्तमान सीजन के देखें या गत वर्षों के सबसे साफ है की पंजाब राज्य उत्तर भारत को पराली प्रदूषण की आग में झोंकने का सबसे बड़ा दोषी है। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की गत 24 घंटे यानि बीते कल 22 अक्टूबर को पंजाब में पराली जलाने की 71 नई घटनाएं हुई तो हरियाणा में केवल 10 और उत्तर प्रदेश में केवल 17 नई घटनाएं हुईं।

वर्तमान सीजन यानि 15 सितम्बर 2024 से कल 22 अक्टूबर तक आई.ए.आर.आई. आंकड़ों अनुसार पंजाब में 1581 पराली जलाने की घटनाएं हुईं जबकि हरियाणा में सिर्फ 665 एवं उत्तर प्रदेश में 740 खेत जलाये गये। यहाँ तक की गोपाल राय के दावों के विपरीत दिल्ली में भी 11 खेत जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। आंकड़े बताते हैं की पंजाब सबसे बड़ा जिम्मेदार है क्योंकि अकेले पंजाब में हरियाणा एवं उत्तर प्रदेश के कुल जोड़ से अधिक खेत जले।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा आई.ए.आर.आई. के आंकड़े बताते हैं की गत वर्ष 2023 में पंजाब में पराली जलने की 9000 के आसपास घटनाएं हुईं जबकि हरियाणा में 1000 से भी कम। इसी तरह पंजाब में खेत जलाने का क्षेत्रफल भी तेज़ी से बढ़ रहा है, 2022 में पंजाब में 15.43 लाख हेक्टेयर खेत जले जो की 2023 में बढ़ कर 19 लाख हेक्टेयर हो गये और वर्तमान वर्ष में और भी बढ़ेगा। वास्तविकता यह है की पंजाब में पहले छोटे किसान खेत जलाते थे जबसे आम आदमी पार्टी सत्ता में आई है पंजाब के बड़े बिगड़े किसान “आप” के संरक्षण में खेत जला रहे हैं।

सचदेवा ने कहा है की आज माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी पंजाब सरकार को फटकार लगाई है और पूछा है की आखिर क्यों वह पराली जलाने वाले किसानों को बचा रही है, क्यों उन्हे जुर्माने में छूट दे रही है। इसके बाद पंजाब के लोग भगवंत मान से और दिल्ली वाले आतिशी मार्लेना एवं गोपाल राय से जवाब चाहते हैं। साफ है पंजाब सरकार की लापरवाही उत्तर भारत ही नही खुद पंजाब के पंजाबियों के स्वास्थ की दुश्मन बन गई है।

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