सोशल संवाद / जमशेदपुर : निर्दलीय प्रत्याशी सह वरिष्ठ पत्रकार अन्नी अमृता ने जनसंपर्क अभियान तेज कर दिया है.पिछले दो दिन जहां उन्होंने कदमा के क्षेत्रों का दौरा किया,वहीं शनिवार को उन्होंने स्लम एरिया धतकीडीह मेडिकल बस्ती और धतकीडीह मुखी बस्ती का दौरा किया.वहां वे लोगों की समस्याओं से रूबरू हुईं.अन्नी अमृता ने देखा कि किस तरह लोग यहां नारकीय जीवन जी रहे हैं.मेडिकल बस्ती में बने टाटा स्टील के फ्लैट जर्जर हो चुके हैं लेकिन लोगों के पास आसरा नहीं है.पहले स्थाई नौकरियां टाटा कंपनी में हो जाती थीं मगर अब आउटसोर्सिंग के दौर में वह भी नामुमकिन हो गई है.
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अन्नी अमृता ने कहा कि शहर, टीएमएच वगैरह को साफ रखनेवाले सफाई कर्मचारी खुद स्लम एरिया में नारकीय जीवन जीते हैं, लेकिन उनकी सुधि पिछले दो दशकों में किसी ने नहीं ली है.अगर ली होती तो आज यहां ऐसे दृश्य नजर नहीं आते जो तस्वीरों/वीडियो में नजर आ रहे हैं.दो घरों के बीच की दूरी इतनी कम और गलियां इतनी तंग है कि आपात स्थिति में क्या हो जाए, ईश्वर ही मालिक है.
जाति प्रमाण पत्र नहीं बनता, सफाई कर्मचारियों को स्वास्थ्य सुविधाएं हासिल नहीं
इसके अलावे लोगों ने बताया कि उनसे खतियान मांगा जाता है और नहीं होने पर जाति प्रमाण पत्र नहीं बनता जिससे जो हक हासिल है उनसे भी इस समाज के लोग वंचित हैं.वहीं टी एम एच के सफाई कर्मचारियों को वहां इलाज की सुविधा नहीं है जबकि उनकी बदौलत ही टीएमएच चकाचक रहता है.उन्हें इएसआई की सुविधा हासिल है और ESI अस्पताल बगल के जिले में स्थित है जो व्यवहारिक रुप से कष्टकर है और वहां हर तरह के इलाज की सुविधा नहीं है.
जनसंपर्क अभियान में वैद्यनाथ कारवां,चेतन मुखी, सत्यवान मुखी, चंदन मुखी, छोटू, संजय कंसारी व अन्य लोग खास तौर पर शामिल हुए.इस दौरान साहिबा किन्नर से भी अन्नी अमृता ने मुलाकात की और समर्थन की अपील की. अन्नी अमृता ने कहा कि मुखी बस्ती और मेडिकल बस्ती स्लम बस्तियां हैं जहां लोग नारकीय जीवन जी रहे हैं, मगर दो दशकों में किसी भी जनप्रतिनिधि का ध्यान नहीं गया जो अफसोस की बात है.अन्नी अमृता ने कहा कि बतौर पत्रकार वे मुखी समाज की समस्याओं की आवाज बनती रही हैं और आगे की भूमिका में भी यह काम जारी रहेगा.कोशिश होगी कि इस इलाके की सूरत और सीरत बदले.