सोशल संवाद / डेस्क : वंदे भारत एक्सप्रेस के बाद अब भारत में हाइड्रोजन ट्रेन (Hydrogen Train) भी दौड़ती नजर आएगी. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि साल के अंत तक देश में हाइड्रोजन ट्रेन की शुरुआत हो जाएगी. रेलवे दिसंबर तक अपने नैरो गेज धरोहर मार्गों पर हाइड्रोजन से चलने वाली ट्रेनों को शुरू करेगा. ये पूरी तरहल प्रदूषण मुक्त होंगी. इस ट्रेन में 10 कोच होंगे. यह ट्रेन पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त होगी. साथ ही बिना बिजली और बिना डीजल के चलेगी.
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आपको बता दे जबसे जीरो इमिशन की बात शुरू हुई है, तबसे ऐसे साधन खोजे जाने लगे हैं, जिसमें कम से कम कार्बन उत्सर्जन हो। इसी क्रम में हाइड्रोजन ट्रेन की परिकल्पना सामने आई। इसमें ट्रेन चलाने के लिए डीजल या बिजली का उपयोग नहीं होता बल्कि हाइड्रोजन फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है। यह ट्रेन बिजली पैदा करने के लिए प्राथमिक संसाधन के रूप में पानी का उपयोग करने वाली देश की पहली ट्रेन होगी. रेलवे इसके लिए हाइड्रोजन प्लांट बना रहा है, जहां हाइड्रोजन का उत्पादन पानी से होगा. हाइड्रोजन ईंधन सेल ऑक्सीजन के साथ मिलकर बिजली उत्पन्न करते हैं, जिसका बाइप्रोडक्ट केवल भाप और पानी होता है. इसके कारण किसी तरह का हानिकारक उत्सर्जन नहीं होता है.
रेलवे मंत्रालय के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर इनफार्मेशन एंड पब्लिसिटी दिलीप कुमार ने बताया कि भारतीय रेलवे 2030 तक जीरो कार्बन की दिशा में काम कर रहा है. हाइड्रोजन ट्रेन के लिए थर्ड पार्टी से सुरक्षा ऑडिट करने के लिए जर्मनी की TUV-SUD को हायर किया है. माना जा रहा है कि दिसंबर 2024 में ट्रायल रन शुरू हो सकता है. साल 2024-25 में इस ट्रेन की शुरुआत हो सकती है. माना जा रहा है कि देश की पहली हाइड्रोजन ट्रेन उत्तर रेलवे जोन के तहत हरियाणा के जींद-सोनीपत सेक्शन पर चलने वाली है.
इस ट्रेन की रफ्तार 140 किमी/घंटे की होती और ट्रेन एक बार में 1000 किमी तक दौड़ सकती है. फिलहाल इस ट्रेन को छोटे रूच पर चलाने की तैयारी है. बाद में इसका विस्तार होगा. हाइड्रोजन ट्रेनें डीजल से चलने वाली ट्रेनों के मुकाबले काफी महंगी है .