January 16, 2025 10:20 pm

यह याद रखना आवश्यक है जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2020-21 कोविड काल में नई शराब नीति ठेकेदारों से मिल कर बनाई थी – वीरेन्द्र सचदेवा

केजरीवाल सरकार ने 2020-21 कोविड़ काल में नई शराब नीति

सोशल संवाद / नई दिल्ली : दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने आज एक पत्रकार सम्मेलन में कहा है की दिल्ली की जनता पूर्व मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल द्वारा दायर चुनाव हलाफनामे को देख कर थोड़ा स्तब्ध हैं। पत्रकार सम्मेलन का संचालन मीडिया प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर ने किया और कहा की हम आज कोई आरोप नही लगा रहे हैं, दिल्ली वालों को विश्वास नही हो रहा एक सेवानिवृत्त अधिकारी जो मुख्य मंत्री रहा है, विधायक है उसकी आय सिर्फ औसतन 2.5 लाख रूपए कैसे हो सकती है। प्रवक्ता एवं पूर्व विधायक नितिन त्यागी भी पत्रकार वार्ता में उपस्थित थे।

यह भी पढ़े : हाता-टिरिंग एनएच-220 की मरम्मत के लिए दायर जनहित याचिका पर रांची उच्च न्यायालय में सुनवाई

अरविंद केजरीवाल 2013 में विधायक चुने गये थे, कार्यकाल 4 नवम्बर 2014 तक चला था और फिर फरवरी 2015 से लगातार विधायक हैं। अरविंद केजरीवाल 2013-14 के अपने आयकर रिटर्न मैं विधायक आमदानी को अपना मूल आय स्त्रोत बताते हैं। आश्चर्य की बात यह है की वह 2013-14 वित्त वर्ष में 2 माह का मुख्य मंत्री का वेतन एवं भत्ते और फिर मार्च 2014 से 2014-15 वित्त वर्ष में 4 नवम्बर तक उन्हे विधायक का सामान्य वेतन एवं भत्ते मिले होगें।

अरविंद केजरीवाल फरवरी 2015 में पुनः विधायक चुने गये और उन्हे 2014-15 में दो माह और फिर वित्त वर्ष 2015-16 से 17 सितम्बर 2024 को इस्तीफा देने तक मुख्य मंत्री का वेतन एवं भत्ते मिले होंगे। तत्पश्चात हलाफनामा फाइल करने या आज तक उन्हे विधायक का वेतन मिल रहा होगा।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की फरवरी 2023 में वेतन भत्ते वृद्धि से पूर्व में दिल्ली में तत्कालीन मुख्य मंत्री अरविंद केजरीवाल को 72,000 रूपए प्रति माह मिलता होगा जो वृद्धि के बाद 1,70,000 रूपए प्रति माह मिला होगा।

इसी तरह जब वह पूर्व में 2014-15 में 7 माह सामान्य विधायक रहे तो उन्हे 55,000 रूपए का वेतन एवं भत्ते मिले होंगे। अब 17 सितम्बर 2015 के बाद से फिर उन्हे सामान्य विधायक का 90,000 रूपए वाला वेतन मिल रहा होगा।

इस हिसाब से चलते हुए हम देखें तो अरविंद केजरीवाल के 2013-14 से 2024-25 तक की जो बेसिक बिना भत्ता आय भी बनती है वह उनके द्वारा कल 15 जनवरी 2025 को नामांकन पत्र दायर करते हुए जो हालफनामा दायर किया है उसमें दिए विवरण से मेल नही खाती।

वर्ष 2014-15 में जब उनकी विधायक आमदानी 3 माह बंद थी  उस वर्ष उनकी सामान्य आय से कहीं अधिक है। इस वर्ष उन्होने आय 7,42,884 दिखाई है। 2015-16 वर्ष में जब 30,000 के बेसिक एवं 72,000 रूपए प्रति माह उनका भत्ते सहित वेतन था उस वर्ष उन्होने अपनी वार्षिक आय मात्र 2,46,946 रूपए बताई है। लगभग इतनी ही आय उन्होने 2016-17, 2017-18 एवं 2018-19 में भी दिखाई है। फिर वर्ष 2019-20 में अचानक उनकी आय घट कर 1,57,823 रूपए रह गई।

आश्चर्य की बात है की इन सभी 2014-15 से 2019-20 के दूसरे मुख्य मंत्री काल के वर्षों में इनके आय कर रिटर्न इनकी मुख्य मंत्री के नाते टैकसेबल बेसिक वेतन 3,60,000 रूपए प्रति वर्ष से भी कम है और इस पर जनता केजरीवाल जी से स्पष्टीकरण चाहती है। अरविंद केजरीवाल द्वारा कल दायर हलाफनामे में सबसे बड़ा प्रश्न बनता है उनकी 2020-21 की आमदानी को लेकर बनता है। अरविंद केजरीवाल ने 2020-21 में अपनी आय पिछले वर्ष 2019-20 की आय 1,57,823 से लगभग 40 गुणा बढ़ा कर 44, 90,040 रूपए दिखाई है।

वीरेन्द्र सचदेवा ने कहा है की थोड़ा आश्चर्य होता है की कोविड़काल के चलते 2020-21 में जब पूरे विश्व में लोगों की आमदानी नगण्य हुई, जमीन जायदाद की रजिस्ट्री तक बंद थीं उस वर्ष अरविंद केजरीवाल की आय 40 गुणा कैसे बढ़ गई ? यहां यह याद रखना आवश्यक है जब अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2020-21 कोविड़काल में नई शराब नीति ठेकेदारों से मिल कर बनाई थी और साथ ही बिना हिसाब किताब के शीशमहल का निर्माण का प्रस्ताव भी बना था।

अगले वित्त वर्ष 2021-22 में आय फिर 40 गुणा गिर गई और 1,62,976 रूपए रह गई और 2022-23 में मुख्य मंत्री वेतन वृद्धि के बावजूद लगभग उतनी ही 1,67,066 ही बनी रह गई।

आश्चर्यजनक रूप से 2023-24 में अरविंद केजरीवाल की आय फिर 6 गुणा बढ़ कर 7,21,530 हो गई।

दिल्ली भाजपा अध्यक्ष ने कहा है की 2013-14 से आज तक अरविंद केजरीवाल केवल विधायक वेतन को अपना आय स्त्रोत बताते हैं और 2020-21 में बिना कोई अन्य आय स्त्रोत दिखाये उनकी आय में 40 गुणा और 2023-24 में 6 गुणा की असमान्य वृद्धि पर दिल्ली की जनता उनसे स्पष्टीकरण चाहती है।

Print
Facebook
Twitter
Telegram
WhatsApp
ठंडे पानी से मुंह धोने के फायदे किन राज्यों में लागू है पेसा कानून 2024 के सबसे ज्यादा सुने गए गाने जाने कितनी बार कर सकते हैं आधार अपडेट हमेशा नीली पगड़ी क्यों पहनते थे मनमोहन सिंह Black Forest Cake का नाम Black Forest कैसे पड़ा ? क्या है Tesla car की खासियत sugar बढ़ने के लक्षण Keyboards पर QWERTY क्रम में क्यों रहते हैं अक्षर इस देश में नहीं है एक भी मच्छर