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सिंहभूम चैम्बर ने स्वदेशी इस्पात उद्योगों के हित में केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को चीन आयातित इस्पात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने का किया आग्रह

By Tamishree Mukherjee

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सिंहभूम चैम्बर ने निर्मला सीतारमण को चीन आयातित इस्पात पर एंटी डंपिंग शुल्क

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सोशल संवाद / जमशेदपुर : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आगामी केन्द्रीय बजट की प्रस्तुति के पहले देश के माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को स्वदेशी इस्पात उद्योगों के हित को ध्यान में रखते हुये चीन से अधिकाधिक मात्रा में आयातित इस्पात पर एंटी डंपिंग शुल्क लगाने को लेकर पत्र के माध्यम से उनका ध्यानाकृष्ट कराया है। यह जानकारी मानद महासचिव मानव केडिया ने दी।

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अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह करते हुये कहा है कि देश की घरेलू इस्पात कंपनियां वर्तमान में सस्ती चीनी इस्पात के कारण अपने अस्तित्व की गंभीर समस्या से जूझ रहे हैं और उनके उत्पादों का विदेश के साथ ही अपने देश में भी बिक्री घटती जा रही है। अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा चीनी कंपनियों के पास बहुतायात में तैयार इस्पात स्टॉक में पड़ा हुआ है और उनकी घरेलू कमजोर अर्थव्वस्था के कारण चीनी कंपनियों को अपने देश में भी अच्छा बाजार नहीं मिल पा रहा है। इसलिये वे अपने तैयार इस्प्पात को सस्ते दामों में विश्व के दूसरे देशों में बेच रहे है। भारत भी एक बड़ा बाजार है और चीनी कंपनियां इसे एक अवसर के रूप में देखकर अपने इस्पात को हमारे देश में भी सस्ते दामों में बेच कर अपना स्टॉक कम कर रहे हैं।

इससे हमारे देश की इस्पात कंपनियों के समक्ष संकट उत्पन्न हो गया है क्योंकि ये अपने उत्पादों को इतने सस्ते दामों पर उपलब्ध कराने में असमर्थ हैं। इसलिये चीनी इस्पात को देश की जरूरतमंद कंपनियां ज्यादा खरीदने में दिलचस्पी दिखा रही हैं। और भारत की कंपनियों को अपना उत्पादन घटाना पड़ रहा है। यहां तक कि जो छोटे इस्पात उद्योग हैं वे बंद होने के कगार पर आ सकते हैं। अध्यक्ष विजय आनंद मूनका ने कहा कि चैम्बर ने इन परिस्थितियों को देखते हुये माननीय वित्त मंत्री को आगामी बजट में चीनी इस्पातों पर एंटी डंपिंग शुल्क लगााने का आग्रह किया है ताकि हम देशी स्टील कंपनियों का अस्तित्व बचा सकें। 

उपाध्यक्ष पुनीत कंावटिया एवं सचिव बिनोद शर्मा ने कहा कि चीनी इस्पात देश के जरूरतमंद कंपनियों को वर्तमान में सस्ते जरूर लग रहे हैं जिससे वे इन्हें खरीद रहे हैं और स्वदेशी इस्पात कंपनियों से खरीदारी कम रहे हैं। लेकिन यह हमारे देश की अर्थव्यवस्था और भाविष्य के लिये बहुत बड़ा खतरा भी है। क्योंकि इससे घरेलू इस्पात उद्योग बंद होने के कगार पर आ जायेंगे इससे बेरोजगारी भी बड़ी मात्रा में बढ़ेगी। 

चैम्बर पदाधिकारियों उपाध्यक्ष अनिल मोदी, अधिवक्ता राजीव अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, सचिव भरत मकानी, अंशुल रिंगसिया, सुरेश शर्मा लिपु, कोषाध्यक्ष सीए अनिल रिंगसिया ने भी माननीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से आग्रह किया है इन परिस्थितियों से बचने के लिये चीनी इस्पातों पर एंटी डंपिंग शुल्क अनिवार्य हो गया है।

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