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तिमारपुर की सबसे बड़ी समस्या – सफाई व्यवस्था ; क्या भाजपा के प्रत्याशी करेंगे वादे पूरे  

By Tamishree Mukherjee

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तिमारपुर की सबसे बड़ी समस्या - सफाई व्यवस्था

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सोशल संवाद / नई दिल्ली ( रिपोर्ट – सिद्धार्थ प्रकाश ) : तिमारपुर विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी सूर्य प्रताप खत्री की जीत से क्षेत्र के लोगों को नई उम्मीदें जागी हैं। खासकर अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले नागरिक, जो सालों से बुनियादी सुविधाओं के अभाव में जी रहे हैं, अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनके इलाके की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं का समाधान होगा।

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तिमारपुर की अनधिकृत कॉलोनियों में सबसे बड़ी समस्या जल निकासी और सफाई व्यवस्था की है। गलियों में बहता गंदा पानी, बंद पड़ी नालियां और नियमित सफाई न होने से क्षेत्र में गंदगी और बीमारियों का खतरा बना रहता है। बरसात के दिनों में हालात और भी खराब हो जाते हैं, जब जलभराव के कारण लोगों का घर से बाहर निकलना मुश्किल हो जाता है।

भले ही चुनाव प्रचार के दौरान विकास के बड़े-बड़े वादे किए जाते हैं, लेकिन हकीकत यह है कि चुनाव खत्म होते ही जनता की परेशानियां नेताओं की प्राथमिकताओं से हट जाती हैं। अनधिकृत कॉलोनियों में रहने वाले लोग पहले ही सरकारी अनदेखी के शिकार हैं। वे न तो पर्याप्त जलापूर्ति पा रहे हैं, न ही नियमित कचरा निस्तारण की व्यवस्था है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि क्या सूर्य प्रताप खत्री इन समस्याओं को सच में हल करेंगे, या यह भी सिर्फ चुनावी जुमला बनकर रह जाएगा?

सरकार और स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे जनता की मूलभूत जरूरतों पर ध्यान दें। सफाई कर्मचारियों की संख्या बढ़ाना, नियमित नालियों की सफाई करवाना, और जल निकासी की उचित व्यवस्था करना जरूरी है। जनता ने भरोसा जताकर खत्री को चुना है, अब यह उनकी जिम्मेदारी है कि वह इस भरोसे पर खरे उतरें। विकास का असली मतलब तभी पूरा होगा, जब हर नागरिक को एक साफ, स्वस्थ और रहने लायक माहौल मिलेगा — चाहे वह अनधिकृत कॉलोनी में रहता हो या किसी पॉश इलाके में।

अगर तिमारपुर की नई नेतृत्व टीम सच में बदलाव लाना चाहती है, तो उन्हें जमीन पर उतरकर जनता की समस्याओं को समझना होगा और ठोस कदम उठाने होंगे। नहीं तो यह जीत सिर्फ एक संख्या बनकर रह जाएगी, और लोगों के जीवन में कोई वास्तविक सुधार नहीं आएगा।

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