सोशल संवाद / डेस्क : AHA यानी अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी (ACC) ने हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन) से जुड़ी नई गाइडलाइन जारी की है। यह पिछले 6 साल में पहला बड़ा अपडेट है। इससे हाई ब्लड प्रेशर रोकने और उसका इलाज करने में मदद मिलेगी।

यह भी पढे : महिलाओं में ब्रेस्ट पेन: कब है सामान्य और कब बढ़ सकती है चिंता?
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन और अमेरिकन कॉलेज ऑफ कार्डियोलॉजी का अनुमान है कि अमेरिका के लगभग आधे वयस्क लोग हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) इसे साइलेंट किलर यानी चुपचाप जान लेने वाली बीमारी कहता है, क्योंकि शुरू में इसके स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते हैं।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनियाभर में लगभग 128 करोड़ वयस्क हाई ब्लड प्रेशर से पीड़ित हैं। यह समस्या 30 से 79 साल की उम्र के करीब हर चार में से एक व्यक्ति को होती है। इनमें से लगभग 82% लोग कम और मध्यम आय वाले भारत जैसे देशों में रहते हैं। इसलिए नई गाइडलाइन के बारे में जानना जरूरी है।
ब्लड प्रेशर पर अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की नई गाइडलाइन जानेंगे। साथ ही जानेंगे कि-
- प्रेग्नेंसी के समय ब्लड प्रेशर के क्या पैमाने हैं?
- क्या ब्लड प्रेशर बढ़ने से ब्रेन हेल्थ भी प्रभावित होती है?
- हाई ब्लड प्रेशर के क्या नए रिस्क फैक्टर हैं और इसे कंट्रोल कैसे करें?
आधे लोग अपनी समस्या से अनजान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, दुनिया के लगभग 46% लोगों को पता ही नहीं है कि उन्हें हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या है। ऐसे सभी लोगों को हाई ब्लड प्रेशर के कारण होने वाली समस्याओं का जोखिम ज्यादा रहता है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह समस्या बढ़ सकती है, लेकिन अब नई गाइडलाइन में पहले से रोकथाम पर जोर दिया गया है। डॉक्टरों का कहना है कि अगर समय रहते ब्लड प्रेशर चेक कराया जाए और लाइफस्टाइल में छोटे बदलाव किए जाएं, तो दिल, किडनी और दिमाग की सेहत बची रह सकती है।








