सोशल संवाद/डेस्क: झारखंड की शिक्षा नगरी में अगर किसी नाम पर सबसे ज़्यादा गर्व किया जाता है, तो वह है नेतरहाट आवासीय विद्यालय जहां के बच्चे IAS IPS के क्षेत्र में नाम रोशन करते है। लातेहार ज़िले की पहाड़ियों पर बसा यह विद्यालय केवल एक स्कूल नहीं, बल्कि देश के लिए प्रशासनिक सेवाओं का निर्माता बन चुका है।

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1954 में चार्ल्स नेपियर की देखरेख में शुरू हुए इस संस्थान का पहला बैच केवल 60 छात्रों से था। आज, हज़ारों विद्यार्थी यहाँ से निकलकर देश के विकास की कहानी लिख रहे हैं।कक्षा 6 में एडमिशन के लिए हर साल प्रवेश परीक्षा होती है, जहाँ से चुने गए 100 छात्र आगे बढ़ते हैं।
यही बच्चे झारखंड बोर्ड परीक्षा के टॉपर बनते हैं और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भी झंडा गाड़ते हैं।यही नहीं, ओलंपियाड, NTSE जैसी प्रतियोगिताओं में भी नेतरहाट हमेशा अग्रणी रहा है। अब तक 3000 से अधिक छात्र IAS, IPS और अन्य उच्च पदों पर सेवाएँ दे रहे हैं।यही वजह है कि इसे लोग प्यार से “IAS-IPS की फैक्ट्री” कहते हैं।
वशिष्ठ नारायण सिंह जैसे गणितज्ञ और कई शीर्ष अफसर इसी संस्थान से निकले हैं।नेतरहाट केवल किताबों तक सीमित नहीं है। खेल, धातुकला, कृषि और कंप्यूटर शिक्षा में भी छात्रों को बेहतर मंच मिलता है।








