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“चक दे इंडिया” गाने के पीछे की अनकही कहानी: सलीम-सुलेमान ने खोला राज

By Muskan Thakur

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“चक दे इंडिया” गाने के पीछे की अनकही कहानी: सलीम-सुलेमान ने खोला राज

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सोशल संवाद/डेस्क : शाहरुख खान की फिल्म चक दे! इंडिया का टाइटल सॉन्ग सिर्फ फिल्म का हिस्सा नहीं, बल्कि भारत के खेल प्रेमियों का प्रेरक एंथम बन चुका है। गाना जैसे ही बजता है, हर भारतीय का दिल जोश और उत्साह से भर उठता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस गाने के 7 वर्जन रिजेक्ट हुए थे और आखिरकार यह धुन सिर्फ एक घंटे में ही तैयार हुई? सलीम-सुलेमान ने हाल ही में इस गाने के पीछे की पूरी कहानी साझा की।

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सात वर्जन रिजेक्ट, चार महीने की मेहनत

सलीम-सुलेमान ने बताया कि चक दे इंडिया का टाइटल सॉन्ग बनाने के दौरान उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सुलेमान ने कहा, “जब हमने गाना शुरू किया, तो डायरेक्टर शिमित अमीन ने पूरी स्क्रिप्ट दी। पढ़ते-पढ़ते मेरी आंखों में आंसू आ गए। पहला ख्याल था कि गाना देशभक्ति की भावना से भरा हो।”

पहला ड्राफ्ट सुनाकर उन्होंने लिरिसिस्ट जयदीप साहनी से फीडबैक लिया, लेकिन वह वर्जन रिजेक्ट हो गया। फिर दूसरा वर्जन फास्ट बनाया गया, वह भी नहीं चला। तीसरा और चौथा वर्जन भी खारिज हुआ। सलीम ने बताया, “हम पांच-छह वर्जन बना चुके थे, लेकिन कोई फाइनल नहीं हो पाया। सब निराश थे, लेकिन सुलेमान ने हार नहीं मानी।”

आदित्य चोपड़ा और सलीम-सुलेमान का नया दृष्टिकोण

फिल्म के प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा ने सलीम-सुलेमान को स्टूडियो बुलाया और स्पष्ट किया कि गाना ऐसा होना चाहिए जिसे पूरे भारत के लोग गाएं। सुलेमान ने कहा, “उन्होंने हमें गाना ‘जुम्मा चुम्मा दे दे’ के अंदाज में बनाने की सलाह दी। बस यही ट्रिगर था। हमने गाना दोहराने के नए विचार अपनाए और गाने का मुखड़ा तैयार किया।”

जयदीप साहनी ने पहली लाइन लिखी: “कुछ करिए… नस नस मेरी खौले, अब कुछ करिए…” इसके बाद सलीम-सुलेमान ने धुन बनाई और सुक्खी सिंह को गाने के लिए बुलाया। “जैसे ही सुक्खी ने गाया, हमें महसूस हुआ कि यही गाना है। रोंगटे खड़े हो गए।”

गाने की कामयाबी और टीम इंडिया

सलीम ने बताया कि गाने की असली सफलता भारत की टीम की जीत से मिली। 2007 के T20 वर्ल्ड कप के दौरान, जैसे ही टीम इंडिया ने मैच जीता, चक दे इंडिया गाना हर जगह गूंजने लगा। सुलेमान ने एक और यादगार किस्सा साझा किया, “2011 के ODI वर्ल्ड कप में लोग वानखेड़े स्टेडियम से लौट रहे थे, गाड़ियों में तिरंगे और चक दे इंडिया बज रहा था। यह नज़ारा मैं कभी नहीं भूल सकता।”

फिल्म और गाने का महत्व

चक दे! इंडिया 2007 में रिलीज हुई थी और यह भारतीय नेशनल हॉकी टीम के प्लेयर मीर रंजन नेगी की जीवन कहानी से प्रेरित थी। शाहरुख खान ने फिल्म में मीर रंजन नेगी का किरदार निभाया। गाने ने ना सिर्फ फिल्म को सफल बनाया, बल्कि देशभक्ति और खेल भावना का प्रतीक भी बन गया।

सलीम-सुलेमान ने अपने इंटरव्यू में बताया कि इस गाने के पीछे की मेहनत, संघर्ष और भावनाएं हर भारतीय के दिल तक पहुंची। सात रिजेक्टेड वर्जन, चार महीने की मेहनत, और आखिरकार एक घंटे में तैयार गाना – यह कहानी बताती है कि जब जुनून और प्रतिबद्धता मिलती है, तो असंभव भी संभव हो जाता है।

FAQ

1. चक दे इंडिया गाना क्यों इतना लोकप्रिय है?
यह गाना देशभक्ति और खेल भावना से भरपूर है। भारत के खेल विजयों के समय यह गाना हर जगह गूंजता है और लोगों के दिलों में उत्साह भरता है।

2. गाने के कितने वर्जन रिजेक्ट हुए थे?
गाने के सात वर्जन बने और सातों रिजेक्ट हुए।

3. आखिरकार गाना कैसे तैयार हुआ?
जयदीप साहनी ने बोल लिखे, सलीम-सुलेमान ने धुन बनाई, और सुक्खी सिंह ने गाया। गाने का फाइनल वर्जन सिर्फ एक घंटे में तैयार हुआ।

4. गाने को किसने प्रेरित किया था?
गाने को डायरेक्टर शिमित अमीन और प्रोड्यूसर आदित्य चोपड़ा ने दिशा दी। उन्होंने गाने को पूरे भारत के लिए स्पोर्ट्स एंथम बनाने की सलाह दी।

5. गाने और फिल्म का संबंध क्या है?
फिल्म मीर रंजन नेगी की रियल लाइफ स्टोरी पर आधारित है। गाने ने फिल्म को सफलता दिलाई और देशभर में लोकप्रियता हासिल की।

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