सोशल संवाद / डेस्क : UPSC ने अब फैसला लिया है कि सिविल सर्विस प्रीलिम्स परीक्षा के तुरंत बाद ही प्रोविजनल आंसर की जारी कर दी जाएगी। अभी तक प्रीलिम्स परीक्षा की आंसर की भर्ती पूरे होने के बाद जारी होती थी। इसमें लगभग 1 साल का समय लगता था। आयोग ने अब मेन्स से पहले ही प्रीलिम्स की आंसर की जारी करने का फैसला किया है।

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टाउनहॉल में स्टूडेंट ने किया था सवाल
पिछले सप्ताह UPSC ने पहली बार टाउनहॉल किया था जिसमें देशभर के स्टूडेंट्स से सवाल लिए गए थे। इसी दौरान एक स्टूडेंट ने सवाल किया था कि प्रीलिम्स के बाद ही आंसर की जारी क्यों नहीं की जाती।
चेयरमैन अजय कुमार ने इसके जवाब में कहा था कि भर्ती पूरी होने के बाद आंसर की जारी की जाती है क्योंकि इसमें लंबा समय लगता है। ऐसे में प्रीलिम्स के साथ ही आंसर की जारी करने की कोई जरूरत नहीं है। हालांकि, अब आयोग इसके लिए राजी हो गया है।
ये जानकारी UPSC ने सुप्रीम कोर्ट में दायर हलफनामे में दी है। UPSC की मौजूदा नीति को कोर्ट में चुनौती दी गई थी। इसके जवाब में आयोग ने ये हलफनामा दायर किया है।
आयोग ने कहा था- इससे रिजल्ट में देरी होगी
मामले की सुनवाई के दौरान 13 मई को दाखिल अपने हलफनामे में UPSC ने कहा था कि यह सुझाव लागू किया गया तो यह उल्टा असर डाल सकता है और इससे परीक्षा प्रक्रिया में अनिश्चितता और देरी बढ़ेगी।
लेकिन 20 सितंबर को दाखिल नए हलफनामे में आयोग ने कहा, ‘याचिका की सुनवाई के दौरान UPSC ने विभिन्न पहलुओं पर विचार किया, और गहन विश्लेषण करने के बाद यह निर्णय लिया गया है कि प्रारंभिक परीक्षा के आयोजन के बाद प्रोविजनल आंसर की रिलीज की जाएगी।’
साथ ही आयोग ने कहा कि प्रोविजनल आंसर की पर कैंडिडेट्स से आपत्तियां और सुझाव भी मांगे जाएंगे। कैंडिडेट्स कम से कम 3 प्रमाणों के साथ ऑब्जेक्शन दर्ज कर सकेंगे। बिना प्रमाण के दर्ज आपत्तियों को तुरंत खारिज कर दिया जाएगा। सभी आपत्तियों पर विचार के बाद फाइनल आंसर की रिलीज की जाएगी। मेन्स के लिए क्वालिफाइड कैंडिडेट्स का रिजल्ट फाइनल आंसर की पर ही आधारित होगा।








