सोशल संवाद/डेस्क: Bihar Assembly Elections में एनडीए के मुख्यमंत्री चेहरे को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने बड़ा ऐलान कर दिया है। दरभंगा के अलीनगर में एनडीए प्रत्याशियों के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि एनडीए की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए सिर्फ नीतीश कुमार का ही नाम होगा।

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अमित शाह ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “सोनिया गांधी अपने बेटे को प्रधानमंत्री और लालू यादव अपने बेटे को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। लेकिन मैं साफ कर देना चाहता हूं दिल्ली और पटना में फिलहाल कोई सीट खाली नहीं है।” शाह के इस बयान के बाद राजनीतिक हलकों में हलचल मच गई है। एनडीए और खासकर जनता दल यूनाइटेड (JDU) के समर्थकों ने राहत की सांस ली है।
बीते कुछ दिनों से विपक्ष यह दावा कर रहा था कि चुनाव जीतने के बाद बीजेपी, नीतीश कुमार को हटाकर अपने नेता को मुख्यमंत्री बनाएगी। कांग्रेस और राजद नेताओं ने जनता के बीच ये मुद्दा खूब उछाला था और उदाहरण के तौर पर मध्य प्रदेश का हवाला दिया था, जहां 2023 में शिवराज सिंह चौहान की जगह डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया गया था। लेकिन अमित शाह के इस बयान से यह स्पष्ट हो गया है कि बिहार में एनडीए का चेहरा सिर्फ नीतीश कुमार ही रहेंगे।
दरभंगा में आयोजित रैली के दौरान अमित शाह ने जनता से अपील की कि “पिछली बार की तरह इस बार भी दरभंगा की सभी 10 सीटें एनडीए को जिताएं, ताकि बिहार में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई जा सके।” उधर, विपक्षी महागठबंधन ने भी मुख्यमंत्री पद को लेकर अपना रुख साफ कर दिया है।
पिछले हफ्ते पटना में हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने कहा था कि अगर नतीजे महागठबंधन के पक्ष में आते हैं, तो कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री पद के लिए तेजस्वी यादव का समर्थन करेगी और मुकेश सहनी को डिप्टी सीएम पद देगी।
अब अमित शाह के इस ऐलान के बाद बिहार की राजनीति में माहौल और गर्म हो गया है, क्योंकि इस बयान से एक बार फिर एनडीए के अंदर एकता का संदेश देने की कोशिश की गई है।








