सोशल संवाद/डेस्क : कार्यक्रम को संबोधित करते हुए डॉ सुनील कुमार केडिया ने सेपसीस बीमारी से जुड़े कई महत्वपूर्ण बातों को विद्यार्थियों के सामने रखा उन्होंने बताया कि इसके दुष्प्रभाव से कई तरह की अन्य बीमारियां भी होने लगती है और मरीज का कई अंग काम करना बंद कर देता है। यदि कोई सोचता है कि यह बीमारी किसी विशेष आयु वर्ग के लोगों को ही होगी तो यह गलत है यह बीमारी किसी भी आयु के व्यक्ति को हो सकती है।
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को सेपसीस बीमारी के लक्षण दिखाई पड़ते हैं तो उसे जल्द से जल्द किसी चिकित्सक की सलाह लेनी चाहिए ना कि वह स्वयं अपना इलाज घर पर रहकर करने लगे। यह एक साइलेंट किलर की तरह है और मरीज को पता भी नहीं चलता है कि उसे कोई बीमारी हो रही है लेकिन धीरे-धीरे उसके लक्षण मरीज के शरीर पर उभरने लगते हैं। बीमारी को नियंत्रित करने का सबसे बड़ा तरीका है लोगों के बीच अधिक से अधिक उसके बारे में जागरूकता फैलाई जाए।
इस जागरूकता कार्यक्रम मे बीएनएसएच से डॉ सुनील कुमार केडिया, टीएमएच से डॉ आसिफ अहमद, डॉ अनु प्रसाद, डॉ सुजीत अशोक जोशी, डॉ महाज्योति चक्रवर्ती, डॉ अमित कुमार शर्मा इत्यादि उपस्थित थे। इसके साथ ही श्रीनाथ विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री सुखदेव महतो ,श्रीनाथ कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी के विभागाध्यक्ष श्री राहुल बनिक, सहायक प्राध्यापक चंद्रशेखर मित्र , मनोज महतो एवं बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के विद्यार्थी उपस्थित हुए ।
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