सोशल संवाद / डेस्क : राजनीती के विरोध में व्यवसाई को जान बुझकर बलि की बकरा बनाया जा रहा है ?
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आरोप है सरकारी जमीन रजिस्ट्री कराने का
आप बड़े व्यवसायी हैं, आपके पास कोई जमीन का दलाल आयेगा, कहेगा कि फलां जमीन है।
1. आप क्या कीजियेगा ?
2. जमीन के दस्तावेज मांगियेगा, अपने वकील को दिखाईयेगा, आपका लाइजनिंग का व्यक्ति जाकर अंचल कार्यालय में जांच कराएगा।
3. सब सही मिलने पर आप रजिस्ट्री कराएंगे , म्यूटेशन कराएंगे, रसीद कटवायेंगे।
4. अब यदि जमीन के दस्तावेजों में यदि कोई गड़बड़ी रही होगी या छेड़छाड़ की गई होगी तो क्या व्यवसायी दोषी है।
5. क्योंकि व्यवसाई सबसे कमजोर है।
6. राजनैतिक विद्वेष में व्यवसायी को गिरफ्तार करना कहां तक जायज है।
ये तमाम सारे सवाल झारखण्ड के व्यापारी समूहों के बीच उठ रहे है … पूछा जा रहा है आखिर सरकारों को व्यपारी सबसे कमजोर क्यों लगती जब भी कोई राजनेता हो या आधिकारी फंसता उसके साथ व्यपारियो को जोड़कर उन्हें प्रताड़ित किया जाता है |