सोशल संवाद/डेस्क : सिंहभूम चैम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री में आज टैक्स क्लिनिक का आयोजन किया गया। टैक्स क्लिनिक में केन्द्र सरकार द्वारा लाई गई कर-समाधान योजना के बारे में चर्चा की गई। सचिव, वित्त एवं कराधान पीयूष कुमार चौधरी, अधिवक्ता ने बताया कि केन्द्र सरकार की कर समाधान योजना को लागू हुये दो महीने से ज्यादा का समय व्यतीत हो चुका है। अतः इसके अंतिम तिथि जल्द ही आने वाली है। चैम्बर ने इसपर संज्ञान लेते हुये सभी व्यापारियों से अपील की है कि जिनका भी पूर्व की अवधियों का जीएसटीआर-4, जीएसटीआर-9 या जीएसटीआर-10 आदि रिटर्न बाकी है वो जल्द से जल्द उपलब्ध योजना के तहत लेट फीस के एवज में बेहद कम राषि का भुगतान कर इसे भर दें।
इसके अलावा यदि किसी व्यापारी का जीएसटी रजिस्टेªषन किसी भी कारण से पूर्व की अवधि में रद्द कर दिया गया है वे भी उपलब्ध योजना के तहत उसे पुनः चालू करा सकते हैं। उपलब्ध योजना का लाभ लेने की अंतिम तिथि 30 जून, 2023 निर्धारित की गई है। सीए दिलीप गोलेच्छा, उपाध्यक्ष, वित्त एवं कराधान ने बताया कि कंपनीज एक्ट के तहत व्यापारियों को ऑडिट टेªल की सुविधा देने वाला सॉफ्टवेयर इस्तेमाल करना आवष्यक कर दिया गया है। साथ ही साथ 1 अगस्त, 2023 से जीएसटी कानून के तहत जिन व्यापारियों का सालाना व्यापार पांच करोड़ की सीमा को पार करता है उन्हें ई. इनवॉयस बनाना आवष्यक कर दिया गया है। अतः चैम्बर सभी व्यापारियों से अपील करता है कि वे उक्त दोनों कानूनों का सही ढंग से अनुपालन करें। इसके लिये जल्द ही एक कार्यषाला/सेमिनार चैम्बर में आयोजित किया जायेगा।
टैक्स क्लिनिक में टैली सॉफ्टवेयर की तरफ से श्री आकाष सिंह एवं श्री सुभोजित प्रसाद ने एक्सपर्ट के रूप में व्यापारियों की जिज्ञासाओं को शांत किया। ऑडिट टेªल के विषय में विस्तृत चर्चा करते हुये उन्होंने बताया कि किस प्रकार टैली सॉफ्टवेयर व्यापारियों को बिना किसी परेषानी के सरकार द्वारा लाये गये नये प्रावधान को लागू करने में मदद करती है। उन्होंने बताया कि टैली का नया सॉफ्टवेयर न सिर्फ व्यापारियों को बल्कि चार्टर्ड एकाउंटेंट को भी ऑडिट टेªल की जानकारी बेहद आसानी से उपलब्ध कराती है। जीएसटी कानून के तहत जो ई. इनवॉयसिंग का प्रावधान है उसके लिये भी टैली सॉफ्टवेयर एक उपयुक्त विकल्प है।
टैक्स क्लिनिक में पूर्व अध्यक्ष सुरेष सोंथालिया, पूर्व महासचिव भरत वसानी, उपाध्यक्ष दिलीप गोलेच्छा, नितेष धूत, महेष सोंथालिया, सचिव पीयूष चौधरी, सांवर मल शर्मा, कोषाध्यक्ष किषोर गोलछा, कॉ-ऑप्टेड सदस्य राजीव अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल गोल्डी, आनंद चौधरी, बिनोद शर्मा, आकाष सिंह, सुभोजित प्रसाद, जसबीर सिंह, राजीव रंजन के अलावा भारी मात्रा व्यापारी एवं उद्यमी उपलब्ध थे।