सोशल संवाद/डेस्क : अमूमन हर दिन दूर दराज के ग्रामीण आकर यहां ताजी सब्ज़ियों की आपूर्ति करते हैं। सब्जी के अलावे ये ग्रामीण मौसमी फल, दातुन, दोना पत्ता, मुढ़ी और कुछ मोटे अनाज इत्यादि भी बिक्री के लिए यहां लाते हैं, जिनका उत्पादन भी ज्यादातर ये खुद ही अपने गांव में करते हैं।गौरतलब है कि कड़ी मेहनत के बाद भी अति निम्न आय के कारण इनके समक्ष “रोटी, कपड़ा और मकान” की समस्या पहाड़ बनकर हर वक्त खड़ी रहती है और लाजमी है कि मौसम की मार भी सबसे ज्यादा इन्हें ही झेलनी पड़ती है।

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समाज के प्रबुद्ध महामानवों के स्वयंसेवी समूह “सहयोग से सेवा” ने इनकी तकलीफ को करीब से महसूस किया और इनकी रोटी और कपड़ा की समस्या के निदान हेतु सार्थक पहल की हैं।इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए टीम “सहयोग से सेवा” द्वारा प्रतिदिन निःशुल्क मध्याह्न भोजन वितरण का कार्यक्रम कोरोना काल से अनवरत जारी है और प्रतिवर्ष पर्व त्योहार के मौके पर नए कपड़े भी बांटे जाते हैं।
आज रविवार के कारण बाराद्वारी सब्जी मंडी में भीड़ काफी थी। अन्य दिनों में करीब डेढ़ सौ लोगों के लिए भोजन काफी होता है मगर आज ढाई तीन सौ – लोगों के भोजन की व्यवस्था की गई थी।कतार में खड़े अनुशासित ग्रामीण काफी उत्साहित और खुश दिख रहे थे। सभी के हाथों में भोजन की थाली के साथ एक कंबल भी दिख रहा था। कुछ कंबल और भी मंगवाए गए हैं जो रात में ऐसे लोगों को बांटे जाएंगे जो सड़क पर जीवन बसर करने को मजबूर हैं।








