सोशल संवाद / डेस्क : BCCI यानि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने भारतीय खिलाड़ियों के लिए 10 सख्त नियम बनाए हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में टीम इंडिया के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बीसीसीआई पूरी तरह से एक्शन मोड में आ चुकी है। भारतीय बोर्ड ने इन हार को गंभीरता से लेते हुए खिलाड़ियों के लिए सख्त नियम बनाए हैं। बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लिए 10-सूत्री नीति को लागू किया गया जिसे मानना हर खिलाड़ी के लिए अनिवार्य होगा। यदि कोई भी प्लेयर या स्टाफ इन नियमों का पालन नहीं करता है, तो उसे सख्त सजा भी मिलेगी।
यह भी पढ़े : IPL के 17 साल के इतिहास में सबसे ज्यादा कीमत पर बिकने वाले खिलाड़ियों की लिस्ट
BCCI के 10 नियम
- घरेलू क्रिकेट खेलना जरूरी – भारतीय खिलाड़ियों के लिए घरेलू क्रिकेट खेलना अनिवार्य कर दिया गया है। यह नियम खिलाड़ियों के कौशल को निखारने और जमीनी स्तर पर उनके प्रदर्शन को मजबूत करने के उद्देश्य से लागू किया गया है। इसी के आधार पर भारतीय टीम में प्लेयर का सेलेक्शन भी होगा। इसका मतलब है कि यदि कोई खिलाड़ी घरेलू टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन करता है, तो उसे राष्ट्रीय टीम में चयन के लिए प्राथमिकता दी जाएगी। यदि किसी खिलाड़ी को किसी कारणवश घरेलू क्रिकेट में भाग लेने में असमर्थता होती है, तो उसे इस बारे में बोर्ड को पहले से सूचित करना होगा। साथ ही, सिलेक्शन कमेटी के चेयरमैन से अनुमति प्राप्त करना भी अनिवार्य होगा। इसके बिना खिलाड़ी का चयन बाधित हो सकता है या उसे अनुशासनात्मक कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
- फैमली के साथ ट्रैवल नहीं कर सकेंगे – BCCI के नए नियमों के तहत अब खिलाड़ी पूरे दौरे के दौरान अपने परिवार और पत्नियों के साथ सफर नहीं कर सकेंगे। हर एक खिलाड़ी को टीम के साथ ही यात्रा करनी होगी। यह नियम खासतौर पर विदेशी दौरों पर लागू किया जाएगा, ताकि खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस पर किसी भी तरह का नकारात्मक प्रभाव न पड़े। हालांकि, 45 दिनों से कम अवधि वाले दौरे के लिए खिलाड़ियों को थोड़ी राहत दी गई है। ऐसे टूर में खिलाड़ी अपनी पत्नियों और परिवार के सदस्यों को केवल 7 दिनों तक अपने साथ रख सकते हैं। इससे अधिक समय तक परिवार के साथ रहने की अनुमति नहीं होगी। इस नियम का उल्लंघन होने पर सख्त सजा भी मिलेगी।
- निजी स्टाफ पर लिमिटेशन – निजी स्टाफ (जैसे- पर्सनल मैनेजर, शेफ, असिस्टेंट्स और सिक्योरिटी) पर किसी दौरे या सीरीज में प्रतिबंध रहेगा। जब तक कि इसके लिए बीसीसीआई से परमिशन ना ली जाए। इस नियम का उद्देश्य खिलाड़ियों के साथ गैर-आवश्यक लोगों की उपस्थिति को सीमित करना और टीम की एकजुटता बनाए रखना है। निजी स्टाफ की उपस्थिति से होने वाले संभावित distractions को खत्म करने और टीम के भीतर अनुशासन और सामूहिक भावना को मजबूत करने के लिए यह निर्णय लिया गया है।
- ज्यादा सामान नहीं ले जा सकेंगे – यात्रा के दौरान कोई भी खिलाड़ी ज्यादा सामान नहीं ले जा सकेगा। अगर आपके सामान का वजन ज्यादा हुआ तो आपको इसके लिए खुद ही पैसों का भुगतान करना होगा। बीसीसीआई ने वजन और सामान की भी अलग से गाइडलाइन्स जारी की हैं।
लगेज पॉलिस
- लंबे दौरे (30 दिनों से अधिक) खिलाड़ी: 5 पीस (3 सूटकेस+2 किट बैग) या 150 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ : 2 पीस (2 बड़े+1 छोटे सूटकेस) या 80 किलोग्राम तक।
- छोटे दौरे (30 दिनों से कम) खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।
- होम सीरीज खिलाड़ी: 4 पीस (2 सूटकेस+2 किट बैग) या 120 किलोग्राम तक। सपोर्ट स्टाफ: 2 पीस (2 सूटकेस) या 60 किलोग्राम तक।
5. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलुरु में अलग से सामान भेजना – हर एक खिलाड़ी को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बेंगलुरु में सामान या व्यक्तिगत वस्तु भेजने के लिए टीम मैनेजमेंट से सम्पर्क करना होगा. यदि अलग-अलग तरीके से कोई वस्तु भेजी जाती है, तब आने वाली एक्स्ट्रा लागत खिलाड़ी को वहन करनी होगी। यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि ट्रेनिंग के दौरान सभी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चलें और अनावश्यक अव्यवस्था या देरी से बचा जा सके।
6. प्रैक्टिस सेशन के दौरान मौजूद रहना होगा – अब से सभी खिलाड़ी को प्रैक्टिस सेशन में उपस्थित रहना अनिवार्य होगा। कोई भी खिलाड़ी अब प्रैक्टिस सेशन को जल्दी छोड़कर नहीं जा सकेगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि हर खिलाड़ी अपनी पूरी मेहनत और एकजुटता के साथ प्रशिक्षण में भाग ले। इसके अलावा, सीरीज या टूर्नामेंट के दौरान जब टीम एक वेन्यू से दूसरे वेन्यू पर यात्रा करती है, तो सभी खिलाड़ियों को टीम के साथ बस में ही यात्रा करनी होगी। इस नियम का मकसद खिलाड़ियों के बीच आपसी बॉन्डिंग और सामूहिक एकजुटता को बढ़ावा देना है, ताकि वे एक-दूसरे के साथ अधिक समय बिता सकें और टीम भावना को मजबूत कर सकें।
7. विज्ञापन के लिए अनुमति नहीं – खिलाड़ियों को अब सीरीज और अलग-अलग दौरे पर पर्सनल शूट की इजाजत नहीं होगी. इस दौरान कोई भी खिलाड़ी विज्ञापन नहीं कर पाएगा. यह दोनों फैसले भारतीय क्रिकेट को और भी पेशेवर बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं। बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि खिलाड़ी पूरी तरह से टीम के लिए समर्पित रहें और क्रिकेट पर उनका पूरा ध्यान रहे।
8. विदेशी दौरे पर फैमिली के साथ ज्यादा समय नहीं रहेंगे – विदेशी दौरे पर अगर कोई खिलाड़ी 45 दिनों तक रहता है तो उनकी पत्नी और 18 साल से छोटी उम्र का बच्चा एक सीरीज में दो हफ्ते के लिए उनके साथ रह सकते हैं। इस दौरान BCCI ही उनके रहने का खर्च उठाएगी, लेकिन बाकी सारा खार्च खिलाड़ी को उठाना होगा। इसके अतिरिक्त, यदि कोई खिलाड़ी अपने परिवार या अन्य किसी को अपने पास बुलाना चाहता है, तो उसे कोच और कप्तान से बातचीत के बाद एक निर्धारित तारीख पर अनुमति लेनी होगी। केवल इस अनुमति के बाद ही परिवार या अन्य किसी व्यक्ति को खिलाड़ी के पास बुलाया जा सकता है।
9. ऑफिशियल शूट और फंक्शन में हिस्सा लेना होगा – अब सभी खिलाड़ियों को बीसीसीआई के आधिकारिक शूट, प्रमोशन और अन्य किसी भी प्रकार के प्रोग्राम में भाग लेना अनिवार्य होगा। यह निर्णय भारतीय क्रिकेट के प्रचार-प्रसार और इसके हितधारकों के फायदे के लिए लिया गया है, ताकि खेल की लोकप्रियता को और बढ़ाया जा सके और बीसीसीआई के साथ मिलकर टीम इंडिया की छवि को वैश्विक स्तर पर और भी सशक्त बनाया जा सके। खिलाड़ियों को प्रमोशनल गतिविधियों में भाग लेने की वजह से उनके प्रशिक्षण और मैचों के बीच कुछ समय निकालने की आवश्यकता हो सकती है, लेकिन यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन कार्यक्रमों में शामिल होने से खिलाड़ियों की मैच परफॉर्मेंस पर कोई नकारात्मक असर न पड़े।
10. सीरीज खत्म होने पर घर जल्दी नहीं आ सकेंगे खिलाड़ी – हर खिलाड़ी को दौरे के खत्म होने तक टीम के साथ रहना होगा। सीरीज जल्दी खत्म होने पर भी खिलाड़ी को टीम के साथ रहना होगा। हर एक प्लेयर टीम के साथ ही तय तारीख पर लौटेगा। इस दौरान कोई भी खिलाड़ी जल्दी घर नहीं जा पाएगा। यह फैसला टीम बॉन्डिंग के लिए लिया गया है। गाइडलाइन नहीं मानने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी बोर्ड ने सभी खिलाड़ियों को दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने के निर्देश दिए हैं।
नियमों का उल्लंघन करने पर मिलेगी ये सजा
गाइडलाइन्स के आखिर में बीसीसीआई ने कहा है कि सभी खिलाड़ियों से उपरोक्त दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपेक्षा की जाती है। यदि किसी खिलाड़ी द्वारा इन नियमों का उल्लंघन किया जाता है, तो इसकी जिम्मेदारी कोच, कप्तान और जीएम ऑपरेशन (जनरल मैनेजर ऑपरेशन) पर होगी। इसके अलावा अगर कोई खिलाड़ी इसमें गलती करते हुए पकड़ा जाता है तो उसपर अनुशासनात्मक कार्रवाई हो सकती है। आपको बता दे बता दें कि अगर कोई खिलाड़ी इन पॉलिसी का सही ढंग से पालन नहीं करता है तो बोर्ड उसे टूर्नामेंट्स, सीरीज और यहां तक की IPL में भी नहीं खेलने देगा। इसके अलावा बोर्ड खिलाड़ियों की सैलरी और उनका कॉन्ट्रैक्ट भी खत्म कर सकता है।