सोशल संवाद/डेस्क : मुख्य न्यायाधीश संजय मिश्रा और माननीय मुख्य न्यायाधीश आनंद सेन की पीठ में राकेश झा द्वारा दायर जनहित याचिका 2078 /2018 की माननीय उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। सुनवाई के उपरांत माननीय अदालत ने अपने आदेश में कहा कि चूँकि यह मामला 1246 भवन के अवैध निर्माण का है और यह निरंतर अब भी 57 भवनों में जारी है तो यह मामला संगीन है और इस पर अंतिम फ़ैसले के पहले पूर्व गठित जाँच टीम को एक बार पुनः जाँच के लिए जमशेदपुर जाने का निर्देश दिया जाता है। जाँच टीम को स्पष्ट निर्देश देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान में निर्माणाधीन अवैध भवनों पर विशेष रूप से जाँच कर अपना फ़ाइनल रपट मुख्यतः ३ विन्दुओं पर सौंपे,
1. वृहत स्तर पर अनियंत्रित अवैध निर्माण पर ज़िम्मेदार अधिकृत अघिसूचित क्षेत्र समिति, जमशेदपुर की भूमिका क्या है ?
2. वर्ष २०११ में उच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश पर अब तक क्या कार्रवाई की गयी है?
3. नक़्शा पारित करने एवं संशोधन करने में कौन कौन सी अनियमितताएं बरती गई हैं और कितने भवनों को नियम के विरूद्ध अतिरिक्त तल निर्माण का परमिट दिया गया है?
मुख्य न्यायाधीश द्वारा अंतिम रूप से जाँच रिपोर्ट सौंपने के बाद ३ जनवरी २०२४ को अंतिम फ़ैसले के लिए तारीख़ मुकर्रर की है।
JNAC नक्शा विचलन मामले में हाई कोर्ट का बड़ा अपडेट
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