सोशल संवाद/डेस्क : भाजपा ने बुधवार को कहा कि नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद भी राहुल गांधी में परिपक्वता और गंभीरता नहीं आई है। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता को सरेंडर बताना उनकी खतरनाक मानसिकता दिखाता है। राहुल गांधी ने ऐसा बयान दिया है जो पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने भी नहीं बोला, किसी आतंकी संगठन ने नहीं बोला, मसूर अजहर और हाफिज सईद ने भी नहीं बोला। ऑपरेशन सिंदूर की सफलता की घोषणा भारत सरकार या भाजपा के किसी प्रवक्ता ने नहीं देश की सेना ने की है। राहुल ने सरेंडर शब्द इस्तेमाल करके सेना का अपमान किया है।
राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा था कि ट्रम्प का एक फोन आया और नरेंद्र जी तुरंत सरेंडर हो गए।
पार्टी हेडक्वार्टर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा, ‘ कांग्रेस सरकार ने 1965 में जीता हाजी पीर का दर्रा सरेंडर कर दिया, 1960 में सिंधु का 80% पानी सरेंडर कर दिया, 1948 में कश्मीर का हिस्सा सरेंडर कर दिया, 1947 में मुस्लिम लीग के आगे एक तिहाई देश सरेंडर कर दिया। राहुल जी आप, आपकी पार्टी और आपके खानदान के कारनामे आजाद हिंदुस्तान के कैलेंडर में सरेंडर से भरे पड़े हैं।’
भाजपा ने राहुल को चीन-पाकिस्तान का पेड एजेंट बताया
पीएम मोदी के लिए सरेंडर शब्द का इस्तेमाल करने पर भाजपा सांसद और प्रवक्ता संबित पात्रा ने मंगलवार को कहा कि जिस तरह के सवाल राहुल गांधी बार-बार पूछ रहे हैं, मुझे पूरा संदेह है कि वे चीन या पाकिस्तान के पेड एजेंट लगते हैं। कोई ‘सभ्य राजनेता’ या विपक्ष का नेता अपने देश के बारे में बात करते समय ‘सरेंडर’ जैसे शब्द का इस्तेमाल कभी नहीं करेगा। अगर कोई नेता इस तरह के शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो वह राजनीति लायक नहीं है।
पात्रा ने कहा कि पहलगाम आतंकी हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर के तहत लिया गया था, जिसमें पाकिस्तान के अंदर नौ आतंकी लॉन्चपैड और 11 एयरबेस तबाह किए गए। इसके बावजूद, राहुल गांधी ने भारत के लिए सरेंडर शब्द का इस्तेमाल किया और ऑपरेशन सिंदूर का मजाक उड़ाया।
राहुल बोले- भाजपा-आरएसएस संविधान खत्म करना चाहती है
राहुल गांधी ने कहा कि सबसे पहले विचारधारा की लड़ाई चल रही है। एक तरफ कांग्रेस पार्टी है, हमारा संविधान है। दूसरी तरफ बीजेपी और आरएसएस है, जो इसको मानती नहीं है। इसको खत्म करना चाहती है। हिंदुस्तान की सारी संस्थाओं को उन्होंने पकड़ लिया है। हर संस्था में उन्होंने अपने लोग डाले हैं। धीरे-धीरे वो देश का गला घोंट रहे हैं। तो पहली लड़ाई संविधान की है।