सोशल संवाद /डेस्क : उत्तर प्रदेश के कैसरगंज से पूर्व भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए। महिला पहलवानों के उत्पीड़न केस में बृजभूषण शरण सिंह को उपस्थित हुए। यौन शोषण केस में अब सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट की ओर से महिला पहलवानों को बयान दर्ज करवाने के दो विकल्प दिए। विकल्प में कहा गया कि अगर महिला कोर्ट रूम में गवाही देने में सहज हैं तो इसकी इजाजत दी जा सकती है। दूसरा विकल्प कोर्ट रूम में गवाही का था। कोर्ट ने महिला पहलवानों की सहमती के बाद कहा कि उनकी गवाही जज के समाने होगी। इसमें बृजभूषण शरण सिंह के वकील भी शामिल नहीं होंगे। यह बयान कोर्ट रूम के साथ वाले कमरे में दर्ज कराया जाएगा।
बृजभूषण के वकील ने रखा पक्ष
कोर्ट के इस निर्णय पर बृजभूषण शरण सिंह के वकील ने भी पक्ष रखा। वकील ने कोर्ट को कहा कि महिला पहलवानों की गवाही जज के आगे जरूर हो, लेकिन कोर्ट रुम में गवाह के अलावा दूसरा कोई मौजूद नहीं रहे। सुनवाई के दौरान बृजभूषण सिंह भी कोर्ट में हाजिर रहें। इसके बाद जज के सामने महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए जाएंगे।
कमजोर गवाह वाली सुविधा
सुप्रीम कोर्ट की ओर से कमजोर गवाह की परिभाषा विस्तार के बाद इसी के तहत महिला पहलवानों के बयान दर्ज किए जाएंगे। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट की ओर से कमजोर गवाह की परिभाषा के तहत पहले 18 वर्ष से कम उम्र के किशारों को रखा गया था। बाद में इसमें से उम्र के बैरियर को हटा दिया गया। यौन उत्पीड़न और मानसिक बीमारी से पीड़ित गवाह भी इसके दायरे में लाए गए हैं। उन्हें कोर्ट में अलग से अपना बयान दर्ज कराने का मौका मिलता है। दरअसल, जनवरी 2023 में दिल्ली के जंतर-मंतर पर बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई पहलवानों ने धरना-प्रदर्शन शुरू किया था। इसके बाद विवाद गहराया गया। मामला सरकार बनाम पहलवान बन गया था।